इलाहाबाद महाकुंभ क्षेत्र पूरी तरह से आध्यात्मिक नगर बन चुका है। सुबह के वक्त आश्रमों में मंत्रोच्चारण की ध्वनि के साथ-साथ यज्ञशालाओं में दी जा रही आहुतियों की सुंगध से पूरा मेला क्षेत्र महक रहा है।
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आश्रमों में आयोजन
आश्रमों में सुबह से रात तक कोई न कोई प्रोग्राम चल रहा है। जूना अखाड़े में जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी और महामंडलेश्वर स्वामी नैसर्गिका गिरी के सुबह के समय प्रवचन तो होते ही हैं, उसके अलावा उनके आश्रम की ओर से प्रकृति संरक्षण, भू संरक्षण, जल संसद, सामाजिक समरसता, राष्ट्रीय एकता बढ़ाने वाले कार्यक्रम चल रहे हैं। कार्ष्णी आश्रम में स्वामी गुरुशरणानंद के प्रवचन के अलावा संत रमेश भाई ओझा श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ प्रवचन कर रहे हैं। एक दूसरे आश्रम में मुरारी बापू मानस की एक-एक चौपाई में छिपे गूढ़ रहस्य को श्रद्धालुओं को समझा रहे हैं। परमार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती अपने परमार्थ शिविर में प्रवचनों के अलावा गंगा सफाई अभियान पर जोर दे रहे हैं। पूरे मेले क्षेत्र में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था है। आश्रमों में पुलिस तैनात है। आश्रमों में उन्हीं लोगों को प्रवेश मिल रहा है, जो आश्रम के किसी व्यक्ति को जानते हैं या पहले से आश्रम से जुड़े हैं। आश्रमों के ऑफिसों में पूरा नाम पता दर्ज कराने के बाद अंदर जाने दिया जाता है।
जाना और रुकना
पिछले कुंभ के मुकाबले इस बार व्यवस्थाओं में काफी सुधार है। लोग ट्रेनों, बसों और दूसरे वाहनों से पहुंच रहे हैं। दूर-दराज इलाके से आने वालों को ट्रेनों में रिजर्वेशन न मिलने से परेशानी हो रही है। 10 फरवरी को मुख्य स्नान है। लोगों की सुविधा के लिए इस बार यूपी के एनसीआर क्षेत्र गाजियाबाद, कौशांबी, मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर से करीब तीन सौ बसें चलाई जाएंगी। ये बसें 6 फरवरी से चलेंगी। ये बसें कानपुर तक जाएंगी। इस प्रकार की भी व्यवस्था की गई है कि अगर कुंभ जाने वाला कोई ग्रुप पूरी बस बुक कराना चाहे तो उसे पूरी बस मिल सकती है। कानपुर से यात्री दूसरे साधनों से इलाहाबाद पहुंचेंगे।
इलाहाबाद में अभी होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशालाएं पहले से फुल हैं लेकिन मेला स्थल पर ठहरने के कई साधन हैं। इलाके के पंडों ने हर सेक्टर में अपने-अपने यजमानों के लिए टेंट लगा रखे हैं और इन्हें किराये पर दे रहे हैं, लेकिन किराये पर देने से पहले वे आपकी आईडी जरूर देखेंगे। किराये के तौर पर तीन दिन के 800 से लेकर 1200 रुपये तक चार्ज किए जा रहे हैं। इस बार मेला प्रशासन ने वीआईपी और वीवीआईपी के लिए अलग से व्यवस्था की है। एक बड़े स्थान की घेराबंदी कर वहां स्विस टेंट लगाए हैं, जिनमें रहने की हर प्रकार की सहूलियत है।