चैत्र नवरात्रि विशेष 2024: आरती | भजन | मंत्र | नामवली | कथा | मंदिर | भोग प्रसादकलश स्थापना कब और कैसे करें?
घटस्थापना मुहूर्त – 06:02 AM से 10:16 AM
अवधि – 04 घण्टे 14 मिनट्स
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त – 11:57 AM से 12:48 PM
अवधि – 00 घण्टे 51 मिनट्स
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ विभिन्न स्वरूपों की आराधना की जाती है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही नवसंवत् यानि हिंदू नववर्ष का आरंभ भी होता है। भक्त इन नौं दिनों में मां को रिझाने के लिए विधि विधान से पूजा करते हैं। पूजा में बीज मंत्रों का विशेष महत्व बताया गया है। आप भी नवरात्रि में मां की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। जानिए मां आदिशक्ति के नौं स्वरूप।
कलश स्थापना विधि
● गीली धरती में चिकनी मिट्टी में सात प्रकार के अनाज बोये जाते हैं
● कलश को मिट्टी के बर्तन पर रखा जाता है
● कलश के गले में लाल धागे का एक टुकड़ा बांधकर उसमें जल भर दिया जाता है।
● कलश में आम के पत्तों के साथ सुपारी, फूल, दुर्बा और सिक्का डाला जाता है।
● कलश में आम के पत्तों पर नारियल रखा जाता है।
● देवी दुर्गा के स्वागत की तैयारियां अब पूरी हो चुकी हैं
● पूरे चैत्र नवरात्रि काल में कलश की पूजा की जाती है और नौ दिनों के बाद इसे हटा दिया जाता है और जलाशय में विसर्जित कर दिया जाता है।
शुभ चैत्र नवरात्रि 2024!