1. डेस्क की स्थिति – डेस्क की स्थिति अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। हमेशा इस तरह बैठें कि आपकी पीठ के पीछे ठोस दीवार हो और खिड़की न हो। अगर बैठने की कोई अन्य व्यवस्था न हो सके तो खिड़की पर पर्दे या ब्लाईंड का प्रयोग करें।
2. मेज कक्ष अथवा केबिन के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में होनी चाहिए। डेस्क इस प्रकार लगाया जाए कि दरवाजा पीठ पीछे न रहे।
3. मुख हमेशा पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर रहे।
4. बीम के नीचे न बैठें।
5. स्थिरता के लिए अपनी पीठ के पीछे दीवार पर पर्वत अथ्वा गगनचुंबी इमारत की तस्वीर लटकाएं।
6. कक्ष/केबिन का दक्षिण-पश्चिम कोना खाली न रहे। इस कोने में भारी फाइल कैबिनेट अथवा पौधा रखें।
7. कम्प्यूटर के मॉनीटर दक्षिण-पूर्व दिशा के पूर्व में होने चाहिए।
8. पुरस्कार अथवा ट्राफियों को दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में रखा जा सकता है।
9. दीवारों पर प्रेरक, खुशनुमा तस्वीरें लगाएं।
10. डेस्क अथवा सामने के बोर्ड पर कुछ मनपसंद वस्तुएं अथवा प्रियजनों की तस्वीरें रखी या लगाई जा सकती हैं। इनसे कार्यस्थल की नीरसता के बीच तनाव से मुक्ति, स्फूर्ति और प्रसन्नता का संचार होता है।
11. ध्यान रखें कि जिस कुर्सी पर आप बैंठें वह आरामदायक हो और उसकी ऊंचाई आपके अनुसार सही हो। आरामदायक कुर्सी होने से स्वत: ही कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
12. अपने ऑफिस में अटाला यानी फालतू सामान बिल्कुल न रखें। डेस्क पर फाइलों और कागजों का ढेर न रहने दें और उन्हें जल्दी निपटाते रहें। मेज साफ-सुथरी और खाली रहने से कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
13. आपके डेस्क का और आपके केबिन का आकार फर्म में आपकी शक्ति और ओहदे का सूचक होता है। यदि आपके डेस्क का आकार आपके कार्य विशेष के लिए सामान्य से बड़ा है तो आप आपे करियर में अपेक्षकृत अधिक तेज़ी से प्रगति करेंगे।
14. वास्तु में आकाश या स्पेस को एक महत्वपूर्ण तत्व का दर्ज़ा दिया गया है। तंग और संकरी जगहों में व्यक्ति का “आकाश” तत्व प्रभावित होता है। अत: अपने डेस्क के पीछे पर्याप्त रिक्त स्थान रखें। यदि आपको तंगी महसूस होती है तो आप अपने कार्य में सीमित और बंधा-बंधा महसूस करेंगे।
15. प्रवेश द्वार से दूर कार्यस्थल होने पर अपना डेस्क इस प्रकार लगाएं ताकि दरवाजे़ की ओर आपकी पीठ न हो। यदि ऐसा करना संभव न हो और दीवार
की ओर मुंह करके बैठना पडे़ जो दीवार पर एक आईना लगा लें अथवा डेस्क या कम्प्यूटर पर उत्तल दर्पण लगाएं जिससे प्रवेश द्वार दिखता रहे।
16. यदि आपका केबिन या डेस्क अंधेरी जगह में हो अथवा बाकी ऑफिस से अलग-थलग हो तो अपने दरवाजे के बाहर हॉल में प्रवेश द्वार पर पर्याप्त रोशनी रखें।
17. तंग और कम रोशनी वाली जगहों को उपयुक्त बनाने के लिए दर्पणों तथा दूधिया रोशनी के साथ-साथ पौधों का प्रयोग भी किया जा सकता है। फूल-पौधे किसी भी जगह को समृद्ध और स्फूर्त कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। प्राकृतिक लैंडस्केप, खुशनुमा तस्वीरें, पेंटिंग आदि नीरस कार्य क्षेत्र को जीवंत बनाने के लिए मददगार हो सकते हैं।
18. यदि आपके कार्यस्थल पर, विशेषकर प्रवेश द्वार के निकट व्यर्थ के सामान का जमावड़ा या रूकावट हो जो उसे तुरंत हटवा दें। यह ऊर्जा के संचार में बाधक होता है और संतुलन तथा सामंजस्य में कमी करता है।