माता पार्वती हैं विराजमान
इस मंदिर में माता पार्वती अपने मीनाक्षी स्वरूप में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी का अर्थ है, जिसकी आंखें मीन यानी मछली के समान हों। माता मीनाक्षी भगवान शिव की पत्नी पार्वती का अवतार हैं और भगवान विष्णु की बहन मानी जाती हैं।
भगवान शिव ने इस रूप में मीनाक्षी मां से रचाया विवाह
मान्यता है कि भगवान शिव सुंदरेश्वर रूप में अपने गणों के साथ पांड्य राजा मलध्वज की पुत्री राजकुमारी मीनाक्षी से विवाह रचाने मदुरै आए थे। राजा मलध्वज ने कठोर तपस्या के बल पर मीनाक्षी को पुत्री के रूप में प्राप्त किया था।
सबसे अमीर मंदिरों में से एक
मंदिर का मुख्य गर्भगृह 3500 वर्षों से भी अधिक पुराना माना जाता है। मीनाक्षी मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। यह मंदिर प्राचीन काल की बेहतरीन स्थापत्य कला और वास्तु का विशुद्ध उदाहरण है। तमिल साहित्य में अंकित कहानियों में इस मंदिर का कई जगह उल्लेख मिलता है।
17वीं शताब्दी में हुआ था निर्माण वर्तमान के मीनाक्षी मंदिर का निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर में 8 खंभों पर लक्ष्मीजी की मूर्तियां बनी हुई हैं। इन खंभों पर भगवान शिव की पौराणिक कथाएं भी लिखी गई हैं। मंदिर के परिसर में एक पवित्र सरोवर भी है तो 165 फीट लंबा और 120 फीट चौड़ा है।