देशभर में क्रिसमस की धूम, देखें भारत के अलग-अलग राज्यों में कैसे मनाते हैं लोग ईसा मसीह का जन्मदिन

क्रिसमस 25 दिसंबर को दुनिया के तमाम देशों के साथ भारत में भी मनाया जा रहा है। भारत में भी इस त्योहार की रौनक हर राज्य में दिखती है क्योंकि तमाम राज्यों में ईसाई धर्म के लोग बसते हैं। नागालैंड, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, गोवा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में बड़ी संख्या में ईसाई रहते हैं। इन राज्यों के आलावा, मुंबई और दिल्ली में भी भारतीय ईसाई और उनके कई चर्च हैं। हर जगह लोग अलग-अलग तरीके और अंदाज से क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं। चर्चों को खास तरीके से सजाया जाता है, जिसमें पोइनसेटिया फूल, सुगंधित मोमबत्तियां और चमकदार रोशनी होती है। मेजों और खिड़कियों पर राखी और फूल लगाए जाते हैं। वहीं, लोग घरों में भी क्रिसमस ट्री को भी सजाते हैं। आइए जानते हैं देश के विभिन्न राज्यों में कैसे मनाते हैं लोग क्रिसमस का त्योहार।

गोवा में लटकाते हैं लालटेन

गोवा में चर्चों के अलावा क्रिसमस के समय घरों को दीपक और रोशनी से सजाने की परंपरा बहुत लोकप्रिय है। गोवा में ईसाई घरों के बीच कागज से बने विशाल लालटेन लटकाते हैं। दक्षिण भारत में ईसाई अक्सर अपने पड़ोसियों को यह दिखाने के लिए कि यीशु दुनिया की रोशनी हैं, अपने घरों की सपाट छतों पर तेल से जलने वाले छोटे दीए जलाते हैं।

केरल का क्रिसमस

केरल का क्रिसमस पूरे देश में मशहूर है। यहां कई ऐतिहासिक चर्त हैं, जहां लोग क्रिसमस का पर्व मनाते हैं। यहां बड़ी समुदाय में ईसाई समुदाय के लोग रहते हैं। केरल में सड़कों और बिल्डिंगों को सजाया जाता है और सुबह-सुबह लोग चर्च जाते हैं। यहां क्रिसमस के मौके पर कई तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं। लोग इस दिन बेहद उत्साह में नजर आते हैं।

दमन और दीव

दमन और दीव अरब सागर में द्वीप का समूह है। यहां की खूबसूरती मन को मोह लेने वाली है। यहां क्रिसमस बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। पूरे साल शांत रहने वाला ये द्वीप क्रिसमस के मौके पर जगमगा उठता है। दमन और दीव में पुर्तगालियों का बेहद प्रभाव रहा है। यहां क्रिसमस की रात को लैंप की रोशनी होती है और कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं। यहां मौजूद हर चर्च को कलरफुल लाइट से सजाया जाता है।

असम में क्रिसमस पर्व

असम में क्रिसमस के मौके पर क्रिसमस ट्री और रंग बिरंगी रोशनी से चर्च को सजाए जाते हैं। यहां एक तिहाई से ज्यादा जनसंख्या ईसाइयों की है। उनके और अन्य लोगों के घरों को रंग-बिरंगी लाइटों और तारों से सजाया जाता है। लोग 175 साल पुराने क्राइस्ट चर्च (इसकी स्थापना 1844 में हुई थी), गुवाहाटी बैप्टिस्ट चर्च (इसकी स्थापना 1845 में हुई थी) और डॉन बोस्को चर्च तथा अन्य चर्चा में पहुंचते हैं। विशेष प्रार्थना सभाओं के लिए चर्च के अलावा विभिन्न सभागारों में क्रिसमस समारोह के विशेष आयोजन का इंतजाम किए जाते हैं।

अरुणाचल प्रदेश में क्रिसमस

अरुणाचल प्रदेश में भी बहुत धूमधाम से क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है। पहाड़ों पर बसा यह शहर क्रिसमस के लिए बेहद शानदार जगह है। यहां की सड़कों पर लगी दुकानों पर क्रिसमस ट्री, सजाने की चीजें, लालटेन, तारे, रंग-बिरंगे बुलबुले, लाल टोपियां, सांता क्लॉस आदि बिकते हैं। यहां क्रिसमस से लेकर नए साल तक काफी उत्साह देखने को मिलता है।