पितृ पक्ष में किन भोजनों से परहेज किया जाता है? (Which foods are avoided during Pitru Paksha?)

हिंदुओं का मानना ​​है कि पितृ पक्ष मैं श्राद्ध करने से पूर्बजों को मुक्ति मिलती है और प्रसन्न होते हैं। श्राद्ध की रस्में हिंदू परंपराओं के अनुसार बहुत सारे प्रतिबंधों के तहत की जाती हैं। इस दौरान कुछ भोजनों से परहेज किया जाता है। निम्नलिखित कुछ भोजन हैं जिन्हें श्राद्ध के समय में नहीं खाना चाहिये:

प्याज और लहसुन
आयुर्वेद में लहसुन को राजसिक और प्याज को तामसिक माना गया है। चूंकि वे शरीर में गर्मी पैदा कर सकते हैं, इन दो सब्जियों को पहुंच से बाहर रखा जाना चाहिए और किसी भी अनुष्ठान मैं ब्यबहार नहीं किया जाता है।

मांसाहारी भोजन
किसी भी हिंदू अनुष्ठान में मांसाहारी भोजन का सेवन सख्त वर्जित है। इसी तरह श्राद्ध के दौरान मांस या कोई भी मांसाहारी भोजन करने की अनुमति नहीं है।

गेहूं और दालें
श्राद्ध के पवित्र काल में कच्चा अनाज वर्जित है। इसलिए इस दौरान चावल, दाल और गेहूं नहीं खाना चाहिए। इन खाद्य पदार्थों का कच्चा सेवन करना वर्जित माना गया है। आलू, अरबी और मूली जैसी सब्जियां भी वर्जित हैं।

मसूर दाल
मसूर दाल को कोई भी व्यक्ति जो श्राद्ध समारोह कर रहा है नहीं खा सकता। मसूर की दाल खाते समय छोले और फटी दाल से भी बचना चाहिए। काली उड़द की दाल और चना सत्तू से भी बचना चाहिए।

अन्य खाद्य पदार्थ
मांसाहारी भोजन और शराब के साथ-साथ पितृ पक्ष के दौरान अन्य कुछ खाद्य पदार्थ जीरा, काला नमक, काली सरसों, खीरा और बैगन कुछ खाद्य पदार्थ भी वर्जित हैं।

पितृ पक्ष के दौरान नए कपड़े नहीं खरीदने चाहिए और न ही पहनने चाहिए, इससे पितृ दोष होता है। पितृ पक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराने का नियम है।