पीएम मोदी ने की दगड़ू सेठ गणपति मंदिर में पूजा, जानें इस मंदिर की 5 खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुणे के दौरे पर हैं और इस दौरान पीएम विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करने वाले हैं। साथ ही लगभग 300 करोड़ रुपए की लागत से बना पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (PCMC) के तहत अपशिष्ट के उपयोग वाले ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन करेंगे। जैसे की शुभ कार्य की शुरुआत प्रथम पूज्य श्रीगणेश की आराधना करके की जाती है, उसी तरह पीएम मोदी ने शिलान्यास और उद्घाटन से पहले महाराष्ट्र के पुणे में स्थित दगड़ू सेठ गणपति मंदिर में पूजा अर्चना की। सिद्धिविनायक गणपति मंदिर के बाद दगड़ू सेठ मंदिर दूसरा सबसे प्राचीन और खास मंदिर है। यहां साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है और भगवान गणेश यहां पूर्ण स्वरूप में भक्तों को दर्शन देते हैं…

इस तरह पड़ा मंदिर का नाम

श्रीमंत दगड़ूशेठ हलवाई गणपति मंदिर पुणे के सुंदर नगर में स्थित है। इस मंदिर को दगड़ूसेठ नाम के हलवाई ने बनवाया था, तभी से इस मंदिर को श्रीमंत दगड़ूशेठ हलवाई मंदिर के नाम से जाना जाता है। लेकिन आम बोलचाल में इस मंदिर को दगड़ू शेठ का मंदिर कहते हैं। वैसे तो आप इस मंदिर में कभी भी आ सकते हैं लेकिन गणेश उत्सव के समय इस मंदिर की रौनक देखने लायक होती है।

इन्होंने बनवाया गणेश मंदिर

बताया जाता है कि दगड़ू सेठ हलवाई कोलकाता से पुणे पहुंचे थे, तब उस समय प्लेग महामारी फैली हुई थी। इस महामारी के चलते दगड़ू सेठ हलवाई के बेटे की मौत हो गई। इस हादसे के बाद से दगड़ू सेठ परेशान होने लगे और चाहते थे कि किसी भी तरह बेटे की आत्मा को शांति मिल जाए। इसके लिए उन्होंने एक पंडित को बुलाया और उपाय पूछा। पंडितजी ने भगवान गणेश का मंदिर बनवाने की सलाह दी।

यहां से हुई थी गणेश उत्सव की शुरुआत

सलाह को मानते हुए दगड़ू सेठ ने साल 1893 में एक भव्य गणेश मंदिर का निर्माण करवाया और गणपति की प्रतिमा स्थापित की। बताया जाता है कि स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने दगड़ू सेठ गणपति मंदिर से ही गणेश उत्सव की शुरुआत की थी। तब से यहां हर साल धूमधाम से गणेश उत्सव मनाया जाने लगा।

ऐसी है भगवान गणेश की प्रतिमा

दगड़ू सेठ मंदिर में भगवान गणेश के चेहरे पर ही करीब आठ किलो सोने का काम किया गया है। यहां भगवान गणेश की प्रतिमा 7.5 फीट ऊंची और 4 फीट चौड़ी है। प्रतिमा के कान भी सोने के हैं और 9 किलो से भी अधिक वेट का भगवान गणेश को मुकुट पहनाया गया है। साथ ही सोने की भारी गहने भी पहनाए गए हैं। देश के सभी गणेश मंदिरों में यहां स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा सबसे खूबसूरत में से एक है।

सभी भक्तों की मनोकामना होती हैं पूरी

श्रीमंत दगड़ूशेठ हलवाई गणपति मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। यहां मान्यता है कि मंदिर पहुंचने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और विघ्नहर्ता सभी विघ्नों को दूर करते हैं। श्रीमंत दगड़ूशेठ हलवाई गणपति मंदिर से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं जाता। इस मंदिर में आप सड़क या हवाई मार्ग से भी पहुंच सकते हैं। पुणे रेलवे स्टेशन से यह मंदिर मात्र पांच किमी की दूरी पर है और एयरपोर्ट से 12 किमी की दूरी पर है।