इस रंग की ना हों दीवारें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बच्चे जहां पढ़ाई करते हों वहां की दीवारे हमेशा बादामी, आसमानी, सफेद या हल्का फिरोजी रंग की होनी चाहिए। साथ बच्चों की स्टडी टेबल भी इसी रंग की हों तो और भी बेहतर रहेगा। बच्चों के पढ़ाई के कमरे कभी भी नीले, काले या लाल पेंट के नहीं होने चाहिए, ऐसा होने से बच्चों की पढ़ाई को नुकसान होता है।
पढ़ाई के कमरे में ना हों ये चीजें
बच्चों के पढ़ाई के कमरे में रोशनी भरपूर होनी चाहिए। कम रोशनी नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है, जिसकी वजह से बच्चों का मन स्थिर नहीं रहता है और पढ़ाई लिखाई में नीरसता आती है। साथ ही स्टडी रूम में टीवी, मैगजीन, सीडी प्लेयर, वीडियो गेम्स, रद्दी आदि अनुपयोगी सामान ना रखें, ये चीजें भी नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं।
इस तरह की रखें बच्चों की स्टडी टेबल
बच्चों के पढ़ाई के कमरे में शिक्षा की देवी माता सरस्वती और बुद्धि के दाता भगवान गणेश की तस्वीर या प्रतिमा लगानी चाहिए। साथ ही बच्चों की स्टडी टेबल चौकोर होनी चाहिए और टेबल को कभी भी दीवार या दरवाजे से सटाकर ना रखें। साथ ही लाइट के नीचे या उसकी छाया में टेबल सेट ना करें, इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है।
इस दिशा में हो पढ़ाई का कमरा
बच्चों के पढ़ाई का कमरा हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए। इस दिशा के स्वामी सूर्यदेव हैं और सूर्यदेव तेज, शक्ति के प्रतीक माने जाते हैं। इस वजह से उत्तर पूर्व दिशा बच्चों के मन, बुद्धि और विवेक को प्रभावित करती है। ध्यान रखें कि बच्चों की पढ़ाई का कमरा कभी भी दक्षिण या दक्षिण पूर्व दिशा नहीं होनी चाहिए। इस दिशा में कमरा होने से बच्चों की पढ़ाई लिखाई में एकाग्रता नहीं रहती।