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तस्वीरें देखें: शुरू हुआ आस्था का ‘महाकुंभ’
82 लाख ने लगाई संगम में डुबकी
इलाहाबाद कुंभ के पहले शाही स्नान के दौरान 82 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया। देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं। लोगों के उत्साह का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सुबह 11 बजे तक ही 30 लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। इलाहाबाद महाकुंभ के मेला कमिश्नर दिनेश चतुर्वेदी ने स्नान संपन्न होने के बाद मीडिया सेंटर में कहा कि स्नान पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा।
शंकराचार्यों ने ब्रह्ममुहूर्त में किया स्नान
आम जनता रविवार रात से ही संगम घाट पहुंचना शुरू हो गई थी। अखाड़ों से पहले सुबह ब्रह्म महुर्त में रात 3 बजे से ही शंकराचार्यो और कुछ दूसरे संतों ने अपने भक्तों के सन्ना किया। शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद , निश्चलानंद वगैरह को अखाड़ों से पहले स्नान करने की इजाजत दी गई थी।
…ताकि साधुओं में विवाद न हो
कुंभ में हर आखाड़े के साधुओं के स्नान की समय अवधि निश्चित है। दरअसल, शाही स्नान को लेकर अलग-अलग आखाड़े के साधु एक दूसरे से झगड़ पड़ते थे, इसलिए अंग्रेजों के समय में ही इन आखाड़ों के स्नान का वक्त निश्चित कर दिया गया। आखाड़ों के आकार को देखते हुए उनके स्नान की अवधि को निश्चित किया गया है। यह अवधि 30 मिनट से एक घंटे तक की है। साधु जिस रास्ते से स्नान के लिए जाते हैं, उस रास्ते से लौटते नहीं हैं क्योंकि दो आखाड़ों के साधुओं के बीच झड़प की आशंका बनी रहती है। महानिर्माणी अखाड़ा के साथ अटल आखाड़ा और उसके बाद निरंजनी, आनंद, जूना, अवाहन, अग्नि, निर्वाणी, दिगंबर, निर्मोही, नया उदासीन, बड़ा उदासीन और निर्मल आखाड़ा के साधुओं का स्नान होता है।
विदेशी टूरिस्ट्स और पत्रकार हैरान
कुंभ देखने के लिए बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक और पत्रकार इलाहाबाद पहुंचे हैं। इलके अलावा कुछ विदेशी श्रद्धालुओं को भी भगवा बाना पहने डुबकी लगाते हुए देखा जा सकता है। कुंभ में जुटी भी़ड़ को देखकर विदेशी पत्रकार और टूरिस्ट हैरान हैं। उन्हें भक्तों के सैलाब को देखकर अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो पा रहा। कुछ विदेशी पर्यटकों और भक्तों के मुताबिक नागा साधु उनके आकर्षण के मुख्य केंद्र हैं।
योगी आदित्यनाथ नाराज
इतने बड़े आयोजन के दौरान हर कोई खुश और संतुष्ट हो, ऐसा भी नहीं है। पहले स्नान करने को लेकर संतों के बीच में विवाद जैसी स्थिति भी पैदा हो गई। बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ कुंभ प्रशासन से खासे नाराज दिखे। एबीपी न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट ठीक न होने की वजह से संतों के बीच में विवाद की स्थिति बन गई।
इस तरह की गई थी तैयारी
उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खान ने शनिवार देर शाम महाकुंभ मेला क्षेत्र का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया था। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। शहर के एसएसपी आर. के. एस. राठौर ने बताया कि करीब 30 कंपनी केंद्रीय बलों के साथ 50 कंपनी पीएसी और बीस हजार से ज्यादा सिविल पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है।
मेला अधिकारी मणिप्रसाद मिश्रा ने बताया कि 55 दिन चलने वाले इस महाकुंभ मेले में छह शाही स्नान होंगे। पहला 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन, दूसरा 27 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर, तीसरा 10 फरवरी को मौनी अमावस्या पर, चौथा 15 फरवरी को वसंत पंचमी पर, पांचवां 25 फरवरी माघी पूर्णिमा पर और छठा 10 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन होंगे। गौरतलब है कि संगम तट पर लगने वाला महाकुंभ मेला 10 मार्च तक चलेगा। इलाहाबाद में कुंभ इससे पहले वर्ष 2001 में लगा था।
कुंभ का इतिहास
राक्षसों और देवताओ में जब अमृत के लिए लड़ाई हो रही थी तब भगवन विष्णु ने एक जादूगरनी ( मोहिनी ) का रूप लिया और राक्षसों से अमृत पा लिया। भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरूड़ को अमृत सैंप दिया। राक्षसों और गरूड़ के संघर्ष में अमृत की कुछ बूंदें इलाहाबाद, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में गिर गईं। तब से हर 12 साल में इन सभी स्थानों में कुंभ मेला आयोजित किया जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार यहां डुबकी लगाने से मोक्ष मिलता है।