छाती चिर के हनुमान ने,
बता दिए श्री राम,
मेरे मन में बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥जिस वस्तु में राम नहीं,
वह वस्तु ना आए काम,
जिस वस्तु में राम नहीं,
वह वस्तु ना आए काम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
बता दिए श्री राम,
मेरे मन में बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥जिस वस्तु में राम नहीं,
वह वस्तु ना आए काम,
जिस वस्तु में राम नहीं,
वह वस्तु ना आए काम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
राम काज किए बिना,
मोहे कहाँ विश्राम,
राम काज किए बिना,
मोहे कहाँ विश्राम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
राम नाम सुमिरण से,
समुन्दर पार गए हनुमान,
राम नाम सुमिरण से,
समुन्दर पार गए हनुमान,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥
छाती चिर के हनुमान ने,
बता दिए श्री राम,
मेरे मन में बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम,
मेरे मन मे बसे है राम,
मेरे तन में बसे है राम ॥