कृष्ण मुरारी,
बरसाने बागा में बोले मोर ॥डूंगर ऊपर डूंगरी रे,
जा पर बैठ्या मोर,
मोर चुगावण मैं गई जी,
मोर चुगावण मैं गई जी,
मिल गया नंदकिशोर जी,
म्हारा कुँज बिहारी,
कृष्ण मुरारी,
बरसाने बागा में बोले मोर ॥
सावन बरस भादवो बरस्यो,
माच रह्यो घनघोर,
दादुर मोर पपीहा बोले,
दादुर मोर पपीहा बोले,
कोयल कर रही शोर जी,
म्हारा कुँज बिहारी,
कृष्ण मुरारी,
बरसाने बागा में बोले मोर ॥
पिया पिया थाने केवस्यू जी,
पिया थे ही चितचोर,
नटवर नागर सोवणा थे,
नटवर नागर सोवणा थे,
चंदा मैं हूँ चकोर जी,
म्हारा कुँज बिहारी,
कृष्ण मुरारी,
बरसाने बागा में बोले मोर ॥
चन्द्रसखी की विनती जी,
खींचो मन की डोर,
जब जब थाने याद करूँ जी,
जब जब थाने याद करूँ जी,
हिवड़े उठे हिलोर जी,
म्हारा कुँज बिहारी,
कृष्ण मुरारी,
बरसाने बागा में बोले मोर ॥
आरती कुंजबिहारी की | आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन | श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं | आरती श्री बाल कृष्ण जी की | ॐ जय जगदीश हरे | मधुराष्टकम्: धरं मधुरं वदनं मधुरं | कृष्ण भजन | अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं | श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी