अगर हर वक्त सुस्त महसूस करें तो
अगर आप हर समय थका हुआ महसूस करें। या फिर आपका किसी भी काम में मन न लगे तो समझ लीजिए कि आपके आसपास नेगेटिव एनर्जी का दायरा है। इसके अलावा अगर किसी काम को जबरन करना ही पड़े तो आप काफी सुस्ती के साथ उसे पूरा करें। तो यह भी एक तरह का नेगेटिव एनर्जी का होना दर्शाता है। यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा हो तो ऐसी स्थिति से जल्दी से जल्दी बाहर निकलने का प्रयास करें।
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जब करियर में ठहराव महसूस हो
अगर आप अपने करियर में ठहराव महसूस कर रहे हों। या फिर तमाम कोशिशों के बावजूद किसी बेहतर जगह पर पहुंचने में नाकाम हो रहे हैं तो यह भी एक तरह की नेगेटिव एनर्जी का संकेत होता है। यानी कि आपको तुरंत ही इससे बाहर निकलने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही जरूरत होती है कि आप अपने आसपास के लोगों को भी रिव्यू करें कि कहीं वह ही तो नहीं आपको नेगेटिविटी की ओर बढ़ा रहे हैं।
नेगेटिव विचारों का आना
अगर आपके मन में बार-बार नेगेटिव विचार आते हैं। यानी कि स्थितियां कितनी भी अच्छी क्यों न हों आप केवल नकारात्मक बातें ही सोचते हैं। कोई लाख समझाए लेकिन आपको लगता है कि आपके साथ सब गलत ही हो रहा है तो यह भी संकेत है आपके दायरे में नेगेटिव ऊर्जा के होने का। इससे बाहर निकलने के लिए अच्छी किताबें पढ़ें, म्यूजिक सुनें साथ ही ऐसे लोगों के साथ रहें जो हमेशा पॉजिटिव बातें करते हों।
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अस्थिरता महसूस हो तो
अगर आपका मन बार-बार भागता हो, मसलन कि किसी भी काम को पूरा करने के बजाए आप बीच में छोड़ देते हों। या फिर आपका मन किसी भी एक जगह या काम पर नहीं लगता हो तो यह दर्शाता है कि आप नेगेटिव ऊर्जा का शिकार हैं। ऐसी स्थिति में कोशिश करें कि आप अपने आसपास सकारात्मक ऊर्जा फैलाने वाली पेंटिंग्स लगाएं। इससे आप नेगेटिव विचारों से बाहर निकलने में सक्षम हो पाएंगे।
अगर गलतियां दोहरा रहे हों तो
अगर आप बार-बार एक ही गलती किए जा रहे हों। या फिर किसी के कहने-सुनने पर भी आप उसमें सुधार न कर पा रहे हों, तो यह नेगेटिव एनर्जी के आसपास होने का संकेत होती है। ऐसी स्थिति में जरूरत होती है कि आसपास की कलह से बचें। ऐसे लोगों के साथ रहें जो हमेशा पॉजिटिव बातें करते हों। साथ ही आपको हमेशा आगे बढ़ने और कभी न हार मानने के लिए प्रेरित करते हों।
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हमेशा स्ट्रेस रहता हो
अगर आप तमाम कोशिशों के बावजूद स्ट्रेस रहता हो। बिना वजह ही टेंशन हो जाती हो। या किसी प्रॉब्लम के बारे में बार-बार सोचना। या फिर किसी बात को लेकर उलझे ही रहना कि अब ऐसा हुआ तो क्या होगा? या फिर आगे कैसे क्या होगा? मसलन कोई लाख समझाए तो भी उलझे ही रहना और इसी के चलते हमेशा स्ट्रेस रहना। यह भी नेगेटिव एनर्जी के होने का संकेत होता है। इस स्थिति में आपको हमेशा ही सकारात्मक विचारों को पढ़ना चाहिए। साथ ही ऐसे ही लोगों के साथ उठना-बैठना चाहिए जो प्रतिक्षण जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहते हों।
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