संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी का व्रत क्यों करें?
हिंदू शास्त्रों के अनुसार हर महीने विनायक चतुर्थी और संकष्टी चतुर्थी को विघ्नहर्ता श्री गणेश की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। विनायक चतुर्थी व्रत उन लोगों द्वारा किया जाता है जो रिद्धि-सिद्धि (धन, विद्या, स्वामित्व आदि) की इच्छा रखते हैं, जबकि संकष्टी चतुर्थी जीवन में बाधाओं के शमन (अंत) के उद्देश्य से मनाई जाती है। मान्यता के अनुसार, इन दोनों तिथियों पर भक्त रात में चंद्रमा के उदय होने के बाद ही दूध और पानी से चढ़ाकर और फूल, फल, मिठाई आदि चढ़ाकर अपना उपवास तोड़ते हैं।
इस प्रकार विनायक चतुर्थी और संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर महीने में किया जाता है, लेकिन गणेश चतुर्थी भादों महीने की चतुर्थी तिथि को ही मनाई जाती है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था यानि गणेश चतुर्थी उनके जन्मदिन का पर्व है। यह त्यौहार पश्चिमी भारत, विशेषकर महाराष्ट्र में उल्लेखनीय तरीके से मनाया जाता है।
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