अपनी शरण में रखलो मां – भजन (Apni Sharan Mein Rakh Lo Maa)

छोड़ के सारे जग को आये,
तेरी शरण में माँ,
अपनी शरण में रखलो माँ,
अपनी शरण में रखलो मां,
मेरी माँ मेरी माँ,
भोली माँ मेरी माँ ॥शेरोवाली मैया तेरे,
भवन की शोभा न्यारी,
बीच गुफा में बैठी मैया,
लगती प्यारी प्यारी,
गंगा की धरा बहती है,
तेरे चरण में माँ,
अपनी शरण में रखलो मां,
अपनी शरण में रखलो मां,
मेरी माँ मेरी माँ,
भोली माँ मेरी माँ ॥

कोई चढ़ावे सुआ चोला,
कोई चढ़ावे चुनरी,
सोने का कोई छतर चढ़ावे,
कोई चढ़ावे मुंदरी,
ना छोटा ना बड़ा है,
कोई तेरी नज़र में माँ,
अपनी शरण में रखलो मां,
अपनी शरण में रखलो मां,
मेरी माँ मेरी माँ,
भोली माँ मेरी माँ ॥

शेरोवाली मैया मेरी,
सब पे करुणा करती,
जो भी आये मनसा लेकर,
मनसा पूरी करती,
‘चंद्र’ को भी अपने चरणों का,
दास बना लो माँ,
अपनी शरण में रखलो मां,
अपनी शरण में रखलो मां,
मेरी माँ मेरी माँ,
भोली माँ मेरी माँ ॥

छोड़ के सारे जग को आये,
तेरी शरण में माँ,
अपनी शरण में रखलो माँ,
अपनी शरण में रखलो मां,
मेरी माँ मेरी माँ,
भोली माँ मेरी माँ ॥

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