आचार्य वर्धमान सागरजी का श्रवणबेलगोला में मंगल प्रवेश

लोकेश के. भारती, श्रवणबेलगोला (कर्नाटक)
साल-2018 के फरवरी में होने वाले भगवान बाहुबली के महामस्तकाभिषेक की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं। जैन मतावलंबियों के इस पावन पर्व का आयोजन प्रत्येक 12 वर्ष पर होता है, इसकी तैयारी कई महीने पहले से शुरू हो जाती है। कर्नाटक सरकार के सहयोग से अस्थाई घरों का निर्माण शुरू हो चुका है, जिनमें निवास कर 17 से 25 फरवरी 2018 के बीच लाखों लोग भगवान बाहुबली के दर्शन करेंगे और महामस्तकाभिषेक में भाग लेंगे।

इस महोत्सव में भाग लेने के लिए रविवार 4 जून को आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज ने अपने संघस्थ 44 त्यागियों के साथ मध्य प्रदेश के सिद्धवरकूट से लगभग 2500 किलोमीटर की अनवरत पदयात्रा करते हुए श्रवणबेलगोला में मंगल प्रवेश किया। यहां पर उनके स्वागत समारोह के आयोजन का नेतृत्व चारुकीर्ति भट्टारक स्वामी जी कर रहे थे। इस अवसर पर हजारों की संख्या में गाजे-बाजे और झांकियों के साथ धर्मानुरागी लोग मौजूद थे। इस अवसर पर आचार्य वर्धमान सागर जी ने कहा कि बाहुबली और श्रवणबेलगोला के महामस्तकाभिषेक से संपूर्ण विश्व में शांति आएगी। भगवान बाहुबली की चार बातें सभी के लिए उपयोगी हैं। ये हैं : अहिंसा से सुख, त्याग से शांति, मैत्री से प्रगति और ध्यान करने से सिद्धि की प्राप्ति होगी।

विशेष अतिथि के तौर पर कर्नाटक सरकार में रेशम और पशुपालन मंत्री एस. मंजु और स्थानीय विधायक बालकृष्ण की उपस्थिति अहम रही। इस अवसर पर मंत्री और स्थानीय विधायक ने कहा कि इस आयोजन को सफल बनाने के लिए कर्नाटक सरकार पूरा सहयोग देगी। कार्यक्रम के बारे में बताते हुए चारुकीर्ति भट्टारक स्वामी जी ने कहा कि ‘आचार्य श्री श्री 108 वर्धमान सागर महाराज जी के मंगल प्रवेश का इंतजार यहां पर सभी लोगों को था। यहां पर इनकी मौजूदगी से महामस्तकाभिषेक समारोह अद्भुत होगा।’