आपकी बड़ी से बड़ी समस्‍या दूर कर सकते हैं ये अलग-अलग रंग के स्‍वास्तिक, जानिए कैसे

ऐसे करें स्‍वास्तिक का निर्माण

स्वास्तिक बनाने के लिए धन (+) चिह्न बनाकर उसकी चारो भुजाओं के कोने से समकोण बनाने वाली एक रेखा दाहिनी ओर खींचने से स्वास्तिक बन जाता है। रेखा खींचने का कार्य ऊपरी भुजा से प्रारम्भ करना चाहिए। स्‍वास्तिक बनाने के बाद चारों कोष्ठकों में एक-एक बिंदु को अंकित कर देना चाहिए।

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किस रंग और सामग्री से बनाएं स्वास्तिक

ज्यादातर मौकों पर स्वास्तिक को हल्दी से ही बनाया जाता है। ईशान या उत्तर दिशा में दीवार पर यदि पीले रंग का स्वास्तिक बनाते हैं तो यह घर में सुख शांति बनाए रखने में लाभकारी होता है। इसी प्रकार मांगलिक कार्य के लिए लाल रंग का स्वास्तिक बनाना शुभ रहता है। सामग्री के तौर पर केसर, सिंदूर, रोली और कुमकुम का इस्तेमाल आप कर सकते हैं।

काला स्वास्तिक

कोयले से बना काला स्वास्तिक बुरी नजर और बुरे समय को दूर करने के लिए बेहद ही उपयोगी और अचूक उपाय माना जाता हैं। आपके घर परिवार के सदस्यों पर या आपके व्यवसाय को किसी की बुरी नजर लग गई है तो इस बुरी नजर के कुप्रभाव से बचने के लिए अपने घर के मुख्य द्वार पर कोयले से एक स्वास्तिक का चिन्ह बना लें। मुख्य द्वार की दीवार पर काले स्वास्तिक के चिन्ह को बनाने से आपके घर पर किसी भी व्यक्ति की बुरी नजर का प्रभाव नहीं होगा।

लाल स्वास्तिक

सामान्यत: हम अपने घर के प्रवेश द्वार पर कुमकुम या रोली का इस्तेमाल कर स्वास्तिक का चिह्न बनाते हैं। स्वास्तिक के चिह्न को बहुत ही पवित्र तथा शुभ माना जाता हैं। स्वास्तिक के चिन्ह को श्री गणेश भगवान का प्रतीक माना जाता हैं। ऐसा माना जाता है कि स्वास्तिक के चिह्न को बनाने से घर पर इसका शुभ प्रभाव पड़ता हैं तथा घर में सुख, समृद्धि आती है।

रात में आते हैं बुरे सपने

किसी व्यक्ति को रात को सोते समय बुरे सपने आते हैं तो इसके लिए सोने से पहले अपनी तर्जनी उंगली से लाल स्वास्तिक का चिह्न बना लें और इसके बाद सोने के लिए जाएं। इस चिह्न को बनाने के बाद जब आप सोने जाएंगे तो आपको चैन की नींद आएगी और बुरे सपने भी नहीं आएंगे।

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अशुद्ध स्‍थानों पर न बनाएं स्‍वास्‍तिक

स्वास्तिक का प्रयोग शुद्ध, पवित्र एवं सही ढंग से उचित स्थान पर करना चाहिए। शौचालय एवं गंदे स्थानों पर भूल से भी इसका प्रयोग वर्जित है। ऐसा करने वाले की बुद्धि एवं विवेक समाप्त हो जाता है। दरिद्रता, तनाव एवं रोग एवं क्लेश में वृद्धि होती है। ऐसा देखने में आता है क‍ि जब लोग अपने नए घर के गृह प्रवेश की पूजा करवाते हैं तो पूरे घर में स्‍वास्तिक के चिह्न बनवाते हैं। कई बार बाथरूम के दरवाजे के ऊपर पर स्‍वास्तिक का चिह्न बना देते हैं। जो कि सहीं नहीं है। इससे बचना चाहिए।