हिंदू पंचांग में हर तीन साल में एक बार एक अतिरिक्त मास आता है, जिसे अधिकमास, मल मास या पुरुषोत्तम मास के नाम से जाना जाता है।
पुरुषोत्तम मास या अधिक मास क्यों कहते हैं?
शास्त्रों में अधिक मास को मल मास या पुरुषोत्तम मास कहा गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार साल 2023 में मलमास की शुरुआत 18 जुलाई से होगी और 16 अगस्त 2023 तक रहेगी। मलमास हर तीन साल में यानी हर 36 महीने और 16 दिनों के बाद आता है। अधिक मास को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र महीना माना जाता है। यह महीना भगवान विष्णु की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इसे मलमास और पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। अधिक मास के कारण वर्ष 2023, 13 माह का होगा।
जप अनुष्ठान करने के लिए अधिक मास अधिक शुभ है
ऐसा माना जाता है कि अधिकमास के दौरान जप और ध्यान के साथ किया गया दान नियमित दिनों में भगवान की पूजा करने से दस गुना अधिक फल देता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अधिक मास की पूर्णिमा को स्नान, दान-पुण्य करने से व्यक्ति को कई गुना लाभ मिलता है। इस मास में पुण्य प्राप्ति के लिए श्रीमद् देवी भागवत, श्री भागवत पुराण, श्री विष्णु पुराण, भविष्योत्तर पुराण का पाठ करें।
अधिकमास में ध्यान रखने वाले बातें
अधिक मास में कोई भी पवित्र कार्य करना अशुभ माना जाता है। इस दौरान किया गया विवाह पति-पत्नी के बीच अनबन का कारण बन जाता है। मलमास के दौरान नामकरण, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत के साथ-साथ कीमती वस्तुओं की खरीदारी नहीं करनी चाहिए।
इसके साथ ही तपस्या करने के लिए अधिक मास का बहुत महत्व है और यह भगवान पुरुषोत्तम को समर्पित है जो भगवान विष्णु के ही एक रूप हैं। इस महीने में भक्त अपनी पूरी श्रद्धा और शक्ति के साथ भगवान को प्रसन्न करने में जुट जाते हैं।