जूलिया लौट गईं और अपने सहयोगियों के साथ दोबारा उस पुस्तक का संपादन करना प्रारंभ किया। उन्होंने पांडुलिपि को पूरी तरह बदल दिया। इस दौरान एक साल का समय और लग गया। प्रकाशक ने दोबारा प्रकाशित करने से मना कर दिया। जूलिया ने हार नहीं मानी। वह अपने सहयोगियों के साथ किसी नए प्रकाशक की तलाश में जुट गईं। आखिर काम आरंभ करने के लगभग आठ साल बाद वर्ष 1961 में एक नए प्रकाशक ने इस पुस्तक को प्रकाशित करने का निर्णय ले लिया। पुस्तक का नाम ‘मास्टरिंग द आर्ट ऑफ फ्रेंच कुकिंग’ रखा।
यह पुस्तक प्रकाशित होते ही धड़ाधड़ बिकने लगी। कुछ ही समय में इसकी दस लाख से अधिक प्रतियां बिक गईं। वर्ष 1966 में टाइम पत्रिका ने अपने मुखपृष्ठ पर जूलिया चाइल्ड की तस्वीर प्रकाशित की और उनके हौसले की सराहना की। इसके बाद तो जूलिया चाइल्ड शिखर पर पहुंच गईं। उनके कुकिंग से संबंधित अनेक कार्यक्रम टेलिविजन पर बहुत सराहे गए। जूलिया चाइल्ड ने लोगों को यह बता दिया कि यदि आप हार मानने से इनकार कर दें तो केवल सफलता ही नहीं, अपार सफलता मिलती है।
संकलन : रेनू सैनी