गुरुद्वारा बंगला साहिब देश की सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धार्मिक जगहों में से है। सिखों के आठवें गुरु, गुरु हरकिशन साहिब को समर्पित यह गुरुद्वारा कनॉट प्लेस के पास है। इसके मुख्य दरबार में पालकी साहब के आगे मत्था टेककर लोग प्रार्थना करते हैं। यहां अरदास और कीर्तन में शामिल होना, दिल को बेहद सुकून देता है। रात के वक्त रोशनी में नहाया यह गुरुद्वारा और सरोवर में इसकी छाया बेहद खूबसूरत दिखती है। किसी भी धर्म के लोग यहां कभी भी आ सकते हैं।
चमत्कारी अमृत सरोवर : यहां स्थित सरोवर का पानी अमृत माना जाता है, क्योंकि लोगों का विश्वास है कि इस पानी में तमाम बीमारियां दूर करने की ताकत है। अपने इसी विश्वास के आधार पर श्रद्धालु गुरुद्वारे के मुख्य हॉल में घुसने से पहले सरोवर में डुबकी लगाते हैं। साल 1664 की बात है, दिल्ली में चेचक और हैजा फैला हुआ था,तब गुरु हरकिशन साहिब को दिल्ली बुलाया गया और दिवान दरगाह गुल, भाई गुरदित्ता जी, भाई मती दास जी और माताजी के साथ उन्हें राजा जयसिंह के महल में ठहराया गया। गुरु हरकिशन साहिब ने छोटी-छोटी गलियों में जाकर बीमारों की सेवा की और उनका दुख दूर किया। यह भी मान्यता है कि गुरुद्वारे के सरोवर में गुरु हरकिशन साहिब के आशीर्वाद से ही चमत्कारिक शक्ति आई है। गुरु साहिब की याद में राजा जयसिंह के इस महल को बाद में गुरुद्वारे में बदल दिया गया।
एयरकंडिशंड लंगर हॉल : गुरुद्वारे का लंगर हॉल पूरी तरह एयरकंडिशंड है, जहां सैकड़ों लोग एक साथ बैठकर लंगर में खा सकते हैं। लंगर दिन में 12:30 बजे से शाम 4:30 बजे और फिर शाम 7:15 से रात 11 बजे तक चलता है। यहां आनेवाले श्रद्धालु न सिर्फ दर्शन का लाभ उठाते हैं, बल्कि गुरुद्वारे के कामों में हाथ बंटाकर बड़ा सुख भी हासिल करते हैं।
अंडरग्राउंड पार्किंग : इस गुरुद्वारे के लिए बाबा हरबंस सिंह कार सेवावाले ने अंडरग्राउंड पार्किंग का निर्माण कराया है। इस पार्किंग में बेसमेंट के 3 लेवल में पार्किंग है। बाबा हरबंस देश के कई गुरुद्वारों के अलावा पाकिस्तान के गुरुद्वारा ननकाना साहिब में भी सुधार का काम करवा रहे हैं।
क्या और कहां : गुरुद्वारा बंगला साहिब, कनॉट प्लेस
टाइम : हफ्ते के सातों दिन कभी भी जा सकते हैं। दिन-रात यहां भक्तों का आना-जाना लगा रहता है।