(वास्तु कंसल्टेंट, P.H.D)
प्रश्न: मेरा एक दक्षिणमुखी फ्लैट है, जिसे वास्तु का थोड़ा-बहुत ज्ञान रखने वाला हर व्यक्ति हेल्थ के लिए खतरनाक बताता है। हमारे घर में आधे लोग हमेशा बीमार भी रहते हैं। क्या करूं?
– मनोहर सिंह, मयूर विहार, दिल्ली।
उत्तर: आप साउथ फेसिंग का वहम न करें। आपके साउथ फेसिंग फ्लैट में एक मुख्य द्वार दक्षिण में खुलता है। वह भी हर समय ढका हुआ या बंद रहता है। जबकि अनेकों खिड़कियां, दरवाजे व बालकनी पूर्व व उत्तर में होंगे व इनसे आपको भरपूर पॉजिटिव ऊर्जा मिलती है। इसकी बजाय यह देखें कि कहीं आपके घर में मुख्य द्वार के साथ या पूर्व या उत्तर में शौचालय तो नहीं है। यदि हां तो आप इनका बिना तोड़फोड़ के उपाय कर लें, तो आपकी समस्या स्वतः दूर हो जाएगी। आप जान लें कि जिनका फ्लैट पूर्वोत्तर मुखी है, वहां पर वास्तुदोष के कारण हेल्थ की समस्या हो सकती है, आपके परिवार को नहीं।
प्रश्न: मेरे छोटे बेटे का दिमाग तो बहुत तेज है, पर वह पढ़ाई में बिल्कुल ध्यान नहीं देता है। इसका व्यवहार भी दिन प्रतिदिन अड़ियल होता जा रहा है। इस साल उसके बोर्ड के एग्ज़ाम हैं और उसे कोई चिंता नहीं है। कोई वास्तु का उपाय बताएं, बड़ी मेहरबानी होगी।
– आशा रानी, सेक्टर 46, गुड़गांव।
उत्तर: निश्चित रूप से बच्चों के स्टडी रूम में कोई वास्तुदोष हो सकता है, जैसे कि रूम की लोकेशन, पढ़ते समय बेटे की मुख की दिशा, लाइटिंग, कमरे का रंग, बेड की जगह, कमरे का विद्युत चुंबकीय क्षेत्र (EMR) फर्नीचर का डिजाइन आदि। पढ़ते समय मुख पूर्व में रहे, सामने टॉयलेट का दरवाजा न हो और सोते समय सिरहाना उत्तर में न हो, तो यह स्थिति पढ़ाई कि लिए सर्वोत्तम है।