चलो अयोध्या राम राज मे,
सज़ा दीपो की थाली,
पाप का कोई भाग नही है,
चमके धर्म की लाली,
हुई धन्य धरा ये अवध की,
आये जो राम अयोध्या मे ॥सनातन धर्म की हुई जयकार,
गुँजा अवध मे विजय अनुराग,
अटल आस की प्रबल साधना,
रघुवर तेरी प्रतिज्ञा मे,
हुई धन्य धरा ये भारत की,
आये जो राम अयोध्या मे ॥
BhaktiBharat Lyrics
सज़ा दीपो की थाली,
पाप का कोई भाग नही है,
चमके धर्म की लाली,
हुई धन्य धरा ये अवध की,
आये जो राम अयोध्या मे ॥सनातन धर्म की हुई जयकार,
गुँजा अवध मे विजय अनुराग,
अटल आस की प्रबल साधना,
रघुवर तेरी प्रतिज्ञा मे,
हुई धन्य धरा ये भारत की,
आये जो राम अयोध्या मे ॥
BhaktiBharat Lyrics
लहराया भगवा ऊँचे नभ मे,
मिले बैकुंठ राम चरण मे,
भव से पार लगे वो प्राणी,
बैठे जो राम की संध्या मे,
हुई धन्य धरा ये भारत की,
आये जो राम अयोध्या मे ॥