छठ पूजा: काँच ही बाँस बसहर घरवा – छठ गीत (Kanch Ki Bans Basahar Gharwa)

काँच ही बाँस बसहर घरवा,
हे कदम जुड़े गाछ,
हे कदम जुड़े गाछ ।काँच ही बाँस बसहर घरवा,
हे कदम जुड़ गाछ,
हे कदम जुड़ गाछ ।

ताही बसहर सुतेले कवन देव,
गोडे मोडे चदर तान,
गोडे मोडे चदर तान ।

पैसी जगावेली कवन देई,
उठी स्वामी भईले बिहान,
उठी स्वामी भईले बिहान ।

गईया दूहन भिनुसहरा,
भईले अरघीया के जून,
भईले अरघीया के जून ।

तीन दिन के भूखली धनिया,
बाडी जल बिचवे खाड,
बाडी जल बिचवे में खाड ।

थर थर कापेला बदनीया,
ओठवा गई ले झूराए,
ओठवा गई ले झूराए,
ओठवा गई ले झूराए ।