देकर शरण अपनी अपने में समा लेना: शिव भजन (Dekar Sharan Apani Apne Mein Sama Lena)

बरपा है केहर भोले आकर के बचा लेना,
देकर शरण अपनी अपने में समा लेना ॥कही धरती डोले है कही अंबर है बरसे,
तुमसे मिलने को भोले मिलने ना दे करते,
मुश्किल बड़ी राहें है रस्ता भी दिखा देना,
बरपा है केहर भोले आकर के बचा लेना,
देकर शरण अपनी अपने में समा लेना ॥

दर दर क्यों भटकु मैं कुछ मुझमे कमी होगी,
अपनी सेवक रखलो कदमो में जमीन होगी,
हलातों से लड़ लड़कर जीना भी सीखा देना,
बरपा है केहर भोले आकर के बचा लेना,
देकर शरण अपनी अपने में समा लेना ॥
BhaktiBharat Lyrics

जब भी पुकारू मैं तुमको तुम्हे आना ही होगा,
इतनी विनती है मेरी तुम्हे पार लगाना होगा,
जैसी हु तेरी हु चरणों में जगह देना,
बरपा है केहर भोले आकर के बचा लेना,
देकर शरण अपनी अपने में समा लेना ॥