घर का मुख्य द्वार
वास्तु शास्त्र में बनाए गए ग्रिड के अनुसार घर का मुख्य द्वार नेगेटिव जोन में होने पर घर के मालिक को परेशानियों का सामना करना पड़ता है और तनाव बढ़ जाता है। इसलिए घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा में प्लॉट के मध्य में न होकर उत्तर पूर्व की ओर या दक्षिण पूर्व की ओर होना चाहिए।
फेंग शुई: ऑफिस के तनाव से बचने के लिए ये 6 उपाय हैं बेहद असरदार, आजमाकर देखें
दीवारों पर न होने पाए ऐसा
अगर आप घर का इंटीरियर करवाने के बारे में सोच रहे हैं तो एकबात का ध्यान रखें कि दीवारों पर जरूरत से ज्यादा पेंटिंग्स का प्रयोग न करें। ऐसा होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
बेडरूम होना चाहिए यहां
वास्तु के अनुसार मास्टर बेडरूम को घर के दक्षिण पश्चिम या उत्तर पश्चिम की ओर बनाना चाहिए। यदि घर दो मंजिला है तो मास्टर बेडरूम ऊपरी मंजिल के दक्षिण पश्चिम कोने में होना उचित माना जाता है। इसके अलावा दोमंजिला मकान में एक बात का और ध्यान रखें कि टॉयलट के ऊपर बेडरूम न बनवाएं।
वास्तुशास्त्र का यह दोष बेहद अशुभ, घर के मुखिया को बना देता है अल्पायु
स्टडी रूम की दिशा
दोमंजिला मकान में आजकल स्टडी रूम भी बनवाने का चलन है। इसे गलत दिशा में बनवाने से आप और आपके बच्चों का भविष्य भी प्रभावित हो सकता है। बच्चों के पढ़ाई का कमरा पूर्व, उत्तर, या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए तथा कमरे का दरवाजा भी इसी तरफ खुलना चाहिए। इससे बच्चों के ज्ञान में वृद्धि होती है।
टेरेस गार्डन बनाया है तो
अगर आप अपने दोमंजिला मकान में टेरेस गार्डन बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो एक बात का ध्यान रखें कि इनमें भूलकर भी कैक्टस का प्रयोग न करें।
करियर में सफलता और उन्नति के लिए आजमाकर देखें ये वास्तु टिप्स
किराएदार को रखें तो
अगर आप अपने दोमंजिला घर में किराएदारों को भी रखने के बारे में सोच रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप खुद ऊपरी मंजिल में रहें और किराएदारों को ग्राउंड फ्लोर पर रखें। इससे घर के मालिक का स्वास्थ्य सही रहेगा।