नेल्सन मंडेला ने विमान में शांत रहकर भी दूसरों को दिया यह हौंसला

दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला एक बार अपने सहयोगी रिचर्ड के साथ विमान से यात्रा कर रहे थे। मंडेला को अखबार पढ़ना बहुत पसंद था। लिहाजा वह जैसे ही हवाई जहाज पर चढ़ते एक अखबार उठा लेते। विमान में मंडेला खिड़की के पास बैठे थे और उनके सहयोगी रिचर्ड उनके सामने बैठे हुए थे। मंडेला को खिड़की से बाहर कुछ दिखा तो उन्होंने अखबार हटाकर रिचर्ड को इशारा किया कि वह खिड़की से बाहर देखे।

रिचर्ड ने जब खिड़की से देखा तो पाया कि विमान के प्रोपेलर ने घूमना बंद कर दिया है। रिचर्ड को बुरी तरह भयभीत होते देख मंडेला शांति से बोले, ‘रिचर्ड, आप शायद पायलट को सूचित करना चाहेंगे कि प्रोपेलर काम नहीं कर रहा है।’ रिचर्ड ने कहा, ‘हां, मदीबा।’ वह पायलट के पास गया लेकिन पायलट को इसके बारे में पहले से पता था। उसने कहा, ‘वापस जाओ और अपनी सीट पर बैठ जाओ। हमने हवाई अड्डे को फोन कर दिया है। उनके पास वहां एंबुलेंस है और जो कुछ भी हम कर सकते हैं, कर रहे हैं।’ रिचर्ड ने वापस सीट पर आकर मंडेला को सब कुछ बताया तो मंडेला ने पूरी गंभीरता से उसकी बात सुनी। उसके बाद वह मुंह नीचे करके फिर से अखबार पढ़ने लगे।

कुछ देर बाद विमान आराम से हवाई अड्डे पर उतर गया और कुछ भी अप्रिय नहीं घटा। हवाई अड्डे पर सुरक्षित विमान से बाहर आने के बाद मंडेला रिचर्ड की ओर मुड़े और बोले, ‘यार, किसी से कहना मत लेकिन मैं विमान में बहुत डर गया था। बस, न डरने का दिखावा करता रहा।’ रिचर्ड को एहसास हुआ कि मंडेला बहुत ही साहसी व्यक्ति हैं और परेशानी में भी शांत रहना जानते हैं। उसने मुस्कुराते हुए कहा, ‘मदीबा आपका भयभीत न होने का नाटक देखकर ही मैं शांत बैठा रहा।’ संकलन : रिंकल शर्मा