ॐ असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मामृतं गमय ॥
ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः ॥
– बृहदारण्यकोपनिषद् 1.3.28हिन्दी भावार्थ:
हे प्रभु! मुझे असत्य से सत्य की ओर ।
मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ।
और मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो॥
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मामृतं गमय ॥
ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः ॥
– बृहदारण्यकोपनिषद् 1.3.28हिन्दी भावार्थ:
हे प्रभु! मुझे असत्य से सत्य की ओर ।
मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ।
और मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो॥