बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ – भजन (Beta Bulaye Jhat Daudi Chali Aaye Maa)

॥ स्तुति ॥
मैं नही जानू पूजा तेरी,
पर तू ना करना मैया देरी,
तेरा लख्खा तुझे पुकारे,
लाज तू रखले अब माँ मेरी ॥॥ भजन ॥
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ,
अपने बच्चो के आँसू देख नहीं पाए माँ,
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ ॥

वेद पुराणो में भी माँ की, महिमा का बखान है ।
वो झुकता माँ चरणों में, जिसने रचा जहान है ।
देवर्षि भी समझ ना पाए, ऐसी लीला रचाए माँ ।
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ ॥

संकट हरनी वरदानी माँ, सबके दुखड़े दूर करे ।
शरण आए दिन दुखी की, विनती माँ मंजूर करे ।
सारा जग जिसको ठुकरादे, उसको गले लगाए माँ ।
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ ॥

बिगड़ी तेरी बात बनेगी, माँ की महिमा गा के देख ।
खुशियो से भर जाएगा, तू झोली तो फैलाके देख ।
झोली छोटी पड़ जाती है, जब देने पे आए माँ ।
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ ॥

कबसे तेरी कचहरी में माँ, लिख कर दे दी अर्जी ।
अपना ले चाहे ठुकरा दे, आगे तेरी मर्जी ।
लख्खा शरण खड़ा हथ जोड़े, जो भी हुकुम सुनाए माँ ।
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ ॥

बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ,
अपने बच्चो के आँसू देख नहीं पाए माँ,
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ ॥

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