मत कर तू अभिमान रे बंदे: भजन (Mat Kar Tu Abhiman Re Bande)

मत कर तू अभिमान रे बंदे,
जूठी तेरी शान रे ।
मत कर तू अभिमान ॥तेरे जैसे लाखों आये,
लाखों इस माटी ने खाए ।
तेरे जैसे लाखों आये,
लाखों इस माटी ने खाए ।
रहा ना नाम निशान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान ॥

मत कर तू अभिमान रे बंदे,
जूठी तेरी शान रे ।
मत कर तू अभिमान ॥

झूठी माया झूठी काया,
वो तेरा जो हरिगुण गाया ।
झूठी माया झूठी काया,
वो तेरा जो हरिगुण गाया ।
जप ले हरी का नाम ओ बन्दे
मत कर तू अभिमान ॥

मत कर तू अभिमान रे बंदे,
जूठी तेरी शान रे ।
मत कर तू अभिमान ॥

माया का अन्धकार निराला,
बाहर उजला अन्दर काला ।
माया का अन्धकार निराला,
बाहर उजला अन्दर काला ।
इस को तू पहचान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान ॥

मत कर तू अभिमान रे बंदे,
जूठी तेरी शान रे ।
मत कर तू अभिमान ॥

तेरे पास हैं हीरे मोती,
मेरे मन मंदिर में ज्योति ।
तेरे पास हैं हीरे मोती,
मेरे मन मंदिर में ज्योति ।
कौन हुआ धनवान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान ॥

मत कर तू अभिमान रे बंदे,
जूठी तेरी शान रे ।
मत कर तू अभिमान ॥

मत कर तू अभिमान रे बंदे,
जूठी तेरी शान रे ।
मत कर तू अभिमान ॥