स्वीकार करो ना,
भय मुक्त करो एक दानव,
आया है कोरोना,
हे जगत की पालन हार,
सुनलो ना करुण पुकार ॥हर और मची त्राहि त्राहि,
घबराया सब संसार,
सब शोक में है नर नारी,
चहू और है हाहाकार,
हर ले अब संकट आके,
उद्धार करो माँ,
भय मुक्त करो एक दानव,
आया है कोरोना,
हे जगत की पालन हार,
सुनलो ना करुण पुकार ॥
ना माँग किसी की उजड़े,
ना खोए लाल को,
ना भाई किसी का बिछड़े,
सब कोसे काल को,
अब टूटी धीर बंधाने,
सरकार चलो ना,
भय मुक्त करो एक दानव,
आया है कोरोना,
हे जगत की पालन हार,
सुनलो ना करुण पुकार ॥
ये हरी भरी है बगियाँ,
ना उजड़े फुलवारी,
ना बूढ़ा बाप ही रोए,
ना रोए महतारी,
फैला ममता का आँचल,
थोड़ा प्यार करो ना,
भय मुक्त करो एक दानव,
आया है कोरोना,
हे जगत की पालन हार,
सुनलो ना करुण पुकार ॥
अब जुगत सभी कर डाली,
सब रक्षा विहीन से,
विष दंश लिए ये दानव,
आया है चीन से,
तुम काली रूप में आओ,
संहार करो माँ,
भय मुक्त करो एक दानव,
आया है कोरोना,
हे जगत की पालन हार,
सुनलो ना करुण पुकार ॥
माँ करते तेरा वंदन,
स्वीकार करो ना,
भय मुक्त करो एक दानव,
आया है कोरोना,
हे जगत की पालन हार,
सुनलो ना करुण पुकार ॥
दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन