मै चाहूं सदा दर तेरे आना: भजन (Main Chahu Sada Dar Tere Aana)

मैं चाहूँ सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,
तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
मै चाहूं सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥तेरी चोखट शीश झुकाना,
आस है तेरा दर्शन पाना,
कभी तू भी मेरे घर आना जाना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
मै चाहूं सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥

करता रहूँ मैं सुमिरण तेरा,
कोई नहीं इस जग में मेरा,
कट जाए चौरासी वाला फेरा,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
मै चाहूं सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥

तेरे चरणों में रम जाऊं,
और कहीं अब क्यों मैं जाऊं,
मैं तो बन गया तेरा माँ दीवाना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
मै चाहूं सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥

‘शान’ पे नजरे तेरी निगाहें,
‘जीत’ की मैया थामो बाहें,
अपने ‘योगी’ को चरणों से लगाना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
मै चाहूं सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥

मैं चाहूँ सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,
तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
मै चाहूं सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए ॥

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