यहां इष्‍टदेव की सेवा में दिन-रात तैनात रहती है वानर सेना

श्रीराम के परम भक्‍त पवनसुत की अपने इष्‍टदेव के प्रति कितनी अगाध श्रद्धा है, यह तो सभी जानते हैं। यह उनकी असीम आस्‍था का ही प्रमाण है कि मर्यादा पुरुषोत्‍तम राम उनके हृदय में बसते हैं। मान्‍यता है कि जहां राम होंगे वहां हनुमान जरूर होंगे। इसे चरितार्थ करता है उत्‍तर प्रदेश के बरेली का एक मंदिर। जहां आज भी श्रीराम की पहरेदारी में दिन-रात वानर सेना तैनात रहती है।

रामगंगा नदी किनारे स्थित है राम जानकी मंदिर

उत्‍तर प्रदेश के बरेली जिले में रामगंगा नदी के किनारे स्थित है राम जानकी मंदिर। इसी मंदिर में हनुमान जी की भी प्रतिमा है। लेकिन यह प्रतिमा लेटी हुई है। यानी कि यहां पर लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा है। मान्‍यता है यहां बड़ी से बड़ी परेशानी भी चुटकियों में हल हो जाती है। यह मंदिर की महिमा ही है कि यहां बरेली ही नहीं बल्कि दूर-दूर से भक्‍त आते हैं और अपनी मन्‍नतों की अर्जी लगाते हैं।

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हनुमान जी की लेटी प्रतिमा की महिमा

राम जानकी मंदिर में हनुमान जी की लेटी हुई प्रतिमा का जुड़ाव संजीवनी बूटी से है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि जब लक्ष्‍मण जी को शक्ति लगी थी और हनुमान जी संजीवनी बूटी की खोज में गए थे। तब संजीवनी बूटी मिलने के बाद वह आकाश मार्ग से ही वापस जा रहे थे। तभी भरत जी ने आकाश में देखा तो शत्रु समझकर उनपर तीर चला दिया। तीर लगते ही हनुमान जी इसी स्‍थान पर मूर्छित होकर गिर पड़े। कहा जाता है कि यह प्रतिमा वही वृतांत बताती है।

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वानरसेना की दिन-रात की पहरेदारी

राम जानकी मंदिर में हनुमान जी की वानरसेना दिन-रात पहरेदारी करती है। मंदिर जाने के सड़क मार्ग से लेकर मंदिर के गर्भगृह तक आपको वानर सेना नजर आएगी। जो कि 24 घंटे मुस्‍तैद रहती है। हालांकि पुजारी बताते हैं कि इन्‍होंने कभी भी भक्‍तों को परेशान नहीं किया। यह केवल अपनी लाइन में ही रहते हैं। बताया जाता है कि मंदिर को वानर सेना के बिना आज तक किसी ने नहीं देखा।

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