राम नाम की ऐसी है कृपा
राम का नाम लेने से भक्तों की सारी परेशानियां दूर हो जाती है। कई बार तो ऐसे फल मिलते हैं जिनकी कभी कल्पना भी नहीं की होती है। यूं तो राम नाम कभी भी लेने और लिखने पर कृपा मिलती है लेकिन रामनवमी पर ऐसा करने से विशेष फल मिलता है। रामनवमी पर भक्तों को भोजपत्र (आधुनिक संदर्भों में कागज भी इस्तेमाल कर सकते हैं) पर कम से कम 108 बार राम नाम लिखकर उसकी पूजा करनी चाहिए। इसके बाद ‘इदं विष्णुः’ मंत्र बोलते हुए घी, तिल व खीर से हवन करके श्री राम की पूजा करें ताकि मनोवांछित सभी कामनाओं की पूर्ति हो सके।
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लाल रंग की स्याही है प्रभु को अत्यंत प्रिय
आनन्द रामायणम् के अनुसार राम नाम जप की अपेक्षा सौ गुना अधिक पुण्य राम नाम लिखने से मिलता है। कहते हैं कि लाल रंग की स्याही से श्री राम का नाम लिखने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। इससे शनि, राहु और केतु जैसे अशुभ ग्रहों के प्रकोप से राहत मिलती है। इसके अलावा मन एकाग्र होता और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
हर अक्षर की है अद्भुत महिमा
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शास्त्रों के अनुसार संसार में ‘राम’ नाम से बढ़कर कुछ भी नहीं है। इसके हर अक्षर में सुख की प्राप्ति है। ‘रा’ के उच्चारण करने से सब पाप बाहर निकल जाते हैं। ‘म’ के उच्चारण से कपाट बंद जाते हैं, जिससे पाप फिर से मन में प्रवेश नहीं कर सकता। जिस प्रकार पत्थर पर राम नाम लिखने से पत्थर नहीं डूबते ठीक उसी प्रकार मनुष्य भी इस भवसागर से पार हो जाता है। ऐसा कहा भी गया है कि ‘राम नाम कलि अभिमत दाता’ अर्थात् इस कलियुग में केवल राम नाम ही समस्त मनोरथ पूर्ण करने वाला है।
वैज्ञानिकों ने मानी महिमा
राम शब्द की ध्वनि जीवन के सभी दुःखों को मिटाने की क्षमता रखती है। इस बारे में ध्वनि विज्ञान पर शोध करने वाले वैज्ञानिक भी हामी भरते हैं। उनकी मानें तो राम नाम के उच्चारण से मन शांत हो जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। साथ ही जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।