लालबागचा राजा के दर्शन भक्तों के बीच इतने प्रसिद्ध क्यों हैं? (Why is Lalbaugcha Raja’s Darshan so famous among devotees?)

मुंबई, महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी को लेकर एक अलग ही जश्न मनाया जाता है। लालबागचा राजा की एक झलक पाने के लिए लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। मुंबई के लालबागचा राजा को नवसाला पवन बप्पा के नाम से जाना जाता है। लालबागचा के दर्शन के लिए हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।लालबागचा राजा दर्शन का महत्व
लालबागचा राजा का महत्व इसकी भव्यता के कारण चर्चा में है। ऐसा माना जाता है कि लालबागचा राजा से मांगी गई मन्नत जरूर पूरी होती है। इसलिए उन्हें व्रतों का राजा भी कहा जाता है।

वैसे तो यहां हर साल गणेश जी इसी अंदाज में निवास करते हैं, फिर भी उनके दर्शन को लेकर भक्तों में खास उत्साह रहता है। कोरोना के आने के दो साल बाद एक बार फिर लाल बाग के राजा के दरबार को भव्य तरीके से सजाया गया है। यहां की परंपरा है कि गणेश चतुर्थी से दो दिन पहले बप्पा का चेहरा देखा जाता है, जिसमें पहले दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त इकट्ठा होते हैं।

लालबागचा राजा को देखने के लिए आम जनता ही नहीं बड़े सितारे भी यहां आते हैं। यहां अंबानी परिवार से लेकर बॉलीवुड के लगभग सभी सितारे नजर आते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन्हें देखना बहुत ही सौभाग्य की बात होती है।

लालबागचा राजा दर्शन का समन्वय कैसे किया जाता है:
लालबागचा राजा में, दर्शन के लिए दो पंक्तियाँ हैं, एक है मुख दर्शन और दूसरी है नव या चरण स्पर्श दर्शन। यहां दर्शन के लिए हर समय भक्तों की भीड़ लगी रहती है, 24 घंटे दर्शन चलते हैं। आपको कुछ ही घंटों में मुख दर्शन मिल जाएंगे लेकिन आपको नव या चरण स्पर्श दर्शन के लिए बहुत लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

लालबागचा के राजा की स्थापना और लंबाई
हर साल की तरह इस बार भी लालबागचा राजा की प्रतिमा बेहद खूबसूरत और मनमोहक है। गणेशजी लाल वस्त्र पहने हुए हैं। उनके एक हाथ में चक्र है और वे राजसी अंदाज में राजगद्दी पर विराजमान हैं। कहा जा रहा है कि लालबागचा राजा की मूर्ति 12 फीट ऊंची है।

लालबाग के राजा पंडाल की स्थापना वर्ष 1934 में हुई थी। गणेश उत्सव की शुरुआत बाल गंगाधर तिलक ने की थी। दरअसल, देश को आजाद कराने के लिए सभी देशवासियों को इकट्ठा करने के लिए गणेश उत्सव का आयोजन किया गया था। इस दौरान पंडालों में स्वतंत्रता संग्राम को लेकर चर्चा होती थी।