सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं – भजन (Sancho Tharo Naam Hai Sancho Darbaar Hain)

राणी सती मैया सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं
थारे ही भरोसे म्हारो पुरो परिवार हैंथारो रूप यो मन मोवे चुनर माथे पे है सोवे
माथे पे बिंदिया लाल नैंनो मे कजरो यो सोवे
लागे सुहाणो थारो अद्भूत ऋंगार है
थारे ही भरोसे म्हारो पुरो परिवार है

हांथा म है चुङा नाक में नथनी यो दमके
दोंनो हाथों में मेहंदी लगी
पाॅव में पायलियाॅ छनकै
आख्यां से छलकै थारो प्यार बेशुमार है
थारे ही भरोसे म्हारो पुरो परिवार हैं

हिलमिल सगला आवे मैया थारी ज्योत जगावै हैं
पूनम या अरज करे चरणां म शीश झुकाव है
धोक लगावां हां म्हें सुबह और शाम मां
थारै ही भरोसे म्हारो पुरो परिवार हैं