पहाड़ के ऊपरी छोर पर जो पहाड़ी चट्टान में यह बड़ा से छेद दिख रहा है, इसके पीछे एक मजेदार कहानी प्रचिलत है। आपको बता दें कि यह जगह मुक्तेश्वर में है और मुक्तेश्वर उत्तराखंड के नैनीताल जिले में बसा हुआ है।
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मुक्तेश्वर मंदिर के पास यह पहाड़ी चट्टानों वाला छेद चौली की जाली और चौथी की जाली नाम से प्रचलित है। यहां विश्वास रखने वाले लोग यह मानते हैं कि यदि कोई नि:संतान औरत इस जाली से आर-पार निकाल जाती हैं तो उन्हें संतान की प्राप्ति हो जाती है।
एक पुरानी कथा के अनुसार कुछ भक्त कैलाश मानसरोवर की यात्रा के दौरान एक बड़ी चट्टान के कारण यहां फंस गए थे। उन भक्तों ने भगवान शिव को याद किया और भगवान शिव ने गुरू को आदेश दिया कि वह चट्टान पर चार बार प्रहार करे। जब गुरू ने चौथी बार चट्टान पर प्रहार किया तो चट्टान की सतह पर एक छेद बन गया।
मुक्तेश्वर मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यहां भगवान शिव के साथ ब्रह्मा, विष्णु, पार्वती, हनुमान और नंदी जी भी विराजमान हैं। मंदिर के बाहर हर वक्त लंगूरों की पूरी फौज मौजूद रहती है।