होरी खेली न जाय – होली भजन (Hori Kheli Na Jaay)

नैनन में पिचकारी दई,
मोय गारी दई,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय,
क्यों रे लँगर लँगराई मोते कीनी,
ठाड़ौ मुस्काय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥नेक नकान करत काहू की,
नजर बचावै भैया बलदाऊ की,
पनघट सौ घर लौं बतराय,
घर लौं बतराय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥

औचक कुचन कुमकुमा मारै,
रंग सुरंग सीस ते ढारै,
यह ऊधम सुनि सासु रिसियाय,
सुनि सासु रिसियाय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥

होरी के दिनन मोते दूनौ अटकै,
सालिगराम कौन याहि हटके,
अंग लिपटि हँसि हा हा खाय,
होरी खेली न जायहोरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥