10 मई से खुल रहा केदारनाथ धाम, दर्शन करने जा रहे हैं तो इन 6 स्‍थानों की खूबसूरती भी जरूर देखें

केदारनाथ धाम के कपाट इस बार अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर 10 मई को भक्‍तों के दर्शन करने के लिए खोल दिए जाएंगे। 12 ज्‍योर्तिर्लिंगों में से एक केदारनाथ दर्शन करने हर साल लाखों की संख्‍या में भक्‍त आते हैं। केदारनाथ उत्‍तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित भगवान शिव का पवित्र और पावन धाम माना जाता है। अक्षय तृतीया पर मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे जो कि 15 नवंबर 2023 को भाई दूज के दिन बंद कर दिए गए थे। आज कुछ ही देर में भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी विग्रह मूर्ति की देव डोली अपने प्रथम पड़ाव गुप्तकाशी को प्रस्थान करेगी। केदारनाथ के दर्शन पर जाने का प्‍लान अगर आपका भी है तो हम आपको बता रहे हैं रास्‍ते में पड़ने वाले उन 4 स्‍थानों के बारे में जिनके दर्शन आप कर सकते हैं।

सोनप्रयाग

सोनप्रयाग 1829 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक प्रसिद्ध स्थल धार्मिक स्‍थल है। मान्‍यता है कि यहां पर भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। प्राकृतिक सुंदरता और बर्फ से ढकी चोटियों से घिरा यहां का नजारा देखते ही बनता है। इस स्‍थान पर ही मंदाकिनी नदी बासुकी नदी से मिलती है। यहां के जल के बारे में ऐसी मान्‍यता है कि इसके स्पर्श से ही बैकुंठ धाम प्राप्त कर सकते हैं। केदारनाथ से यह स्‍थान 20.4 किलोमीटर दूर स्थित है।

भैरवनाथ मंदिर

केदारनाथ मंदिर से दक्षिण की ओर 500 मीटर की दूरी पर स्थित, भैरवनाथ मंदिर एक स्‍वयंभू मंदिर है। ये मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर खुले आकाश के नीचे स्थित है, जहां से आप आसपास के हिमालय और नीचे की पूरी केदारनाथ घाटी के शानदार दृश्य देख सकते हैं। भगवान भैरव को भगवान शिव का मुख्य गण माना जाता है। इस मंदिर के ऊपर कोई छत नहीं है।

वासुकी ताल झील

पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार वासुकी ताल झील का संबंध भगवान विष्‍णु से माना जाता है। मान्‍यता है कि भगवान विष्णु ने रक्षा बंधन के शुभ अवसर पर इस झील में स्नान किया था। इसलिए इस झील का नाम वासुकी ताल पड़ा। वासुकी ताल से चौखंबा चोटियों के राजसी दृश्य का भी आनंद ले सकते हैं। यहां के दृश्‍य पर्यटकों को बरबस ही आ‍कर्षित करते हैं। वासुकी ताल के आसपास का स्‍थान रैकिंग के लिए बेस्ट हैं।

रुद्र गुफा केदारनाथ

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के यहां ध्यान करने के बाद यह स्‍थान तेजी से लो‍क‍प्रिय हो रहा है। रुद्र गुफा उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर से 1 किमी दूर स्थित बेहद शांत गुफा है। जो कि ध्‍यान लगाने के लिए सबसे उपयुक्‍त स्‍थान है। आधुनकि युग में पर्यटकों की सुविधाओं को देखते हुए यहां एक सिंगल बेड, एक बाथरूम जिसमें गीजर की सुविधा मौजूद है, पानी, हीटर, सीलिंग बेल, आदि सुविधाएं दी जाती हैं।

गौरीकुंड

केदारनाथ आ रहे हैं तो गौरीकुंड भी जरूर जाएं। गौरीकुंड मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है। इसे मोक्ष का प्रवेश द्वार माना जाता है। समुद्र तल से लगभग 2 हजार मीटर की ऊंचाई पर गौरीकुंड मंदिर और गौरी झील महत्वपूर्ण स्थल हैं। नीचे बहती वासुकी गंगा की वजह से आसपास का इलाका बहुत हराभरा और सुहावना नजर आता है। गर्म पानी की एक छोटी सी धारा भी यहां बहती है। गौरीकुंड सोनप्रयाग से 6 किलोमीटर दूर है।

त्रियुगी नारायण मंदिर

त्रियुगी नारायण के बारे में भी यही माना जाता है कि यहां पर भगवान शिव का पार्वती माता के साथ विवा‍ह हुआ था। यहां इनका विवाह भगवान विष्णु के सामने हुआ था, इसलिए उनके सम्मान में त्रियुगीनारायण मंदिर बनवाया गया था। मान्‍यता है कि इस शादी में भगवान विष्णु ने पार्वती के भाई के रूप में सभी व्यवस्था की थी, जबकि भगवान ब्रह्माजी ने पुजारी की भूमिका निभाई थी। ये मंदिर सोनप्रयाग से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।