इलाहाबाद।। संगम तट पर यमुना से सटे ऐतिहासिक किले में मौजूद अक्षय वट का जिक्र शिव पुराण और कई अन्य किताबों में मिलता है। यह वट वृक्ष हिंदू आस्था का खास केंद्र रहा है।
करीब सौ साल पहले तक यह स्थल किले में मौजूद ब्रिटिश सेना के कब्जे में था, जिसे आखिरकार 1905-06 के कुंभ मेले के दौरान दशर्नाथिर्यों के लिए खोल दिया गया। इस पर 834 रुपए 13 आने 11 पैसे खर्च किए गए थे। यह किला 1583 में अकबर द्वारा बनाया गया था और बताया जाता है कि तब भी मुगल शासकों ने पातालपुरी मंदिर में स्थित अक्षय वट वृक्ष को कोई क्षति नहीं पहुंचने दी थी।
फिलहाल यह किला पूरी तरह भारतीय सेना के कब्जे में है, लेकिन कुंभ मेले के दौरान अक्षय वट तीर्थयात्रियों के लिए खोल दिया जाता है।