आरती युगलकिशोर की कीजै (Aarti Shri Yugal Kishoreki Keejai)

आरती युगलकिशोर की कीजै (Aarti Shri Yugal Kishoreki Keejai)

आरती युगलकिशोर की कीजै । तन मन धन न्योछावर कीजै ॥गौरश्याम मुख निरखन लीजै । हरि का रूप नयन भरि पीजै ॥ रवि शशि कोटि बदन की शोभा । ताहि निरखि मेरो मन लोभा ॥ ओढ़े नील पीत पट सारी । कुंजबिहारी गिरिवरधारी ॥ फूलन सेज फूल की माला । रत्न सिंहासन बैठे नंदलाला ॥ … Read more

आरती: श्री बाल कृष्ण जी (Aarti: Shri Bal Krishna Ki Keejen)

आरती: श्री बाल कृष्ण जी (Aarti: Shri Bal Krishna Ki Keejen)

श्री कृष्ण जन्माष्टमी मे इस आरती का बड़ा ही महत्व है…आरती बाल कृष्ण की कीजै, अपना जन्म सफल कर लीजै ॥ श्री यशोदा का परम दुलारा, बाबा के अँखियन का तारा । गोपियन के प्राणन से प्यारा, इन पर प्राण न्योछावर कीजै ॥ ॥आरती बाल कृष्ण की कीजै…॥ बलदाऊ के छोटे भैया, कनुआ कहि कहि … Read more

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं – आरती (Aarti: Shri Banke Bihari Teri Aarti Gaun)

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं - आरती (Aarti: Shri Banke Bihari Teri Aarti Gaun)

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं, हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं । आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं, श्याम सुन्दर तेरी आरती गाऊं । ॥ श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥मोर मुकुट प्यारे शीश पे सोहे, प्यारी बंसी मेरो मन मोहे । देख छवि बलिहारी मैं जाऊं । ॥ श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥ चरणों … Read more

आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन – भोग आरती (Aao Bhog Lagao Mere Mohan: Bhog Aarti)

आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन - भोग आरती (Aao Bhog Lagao Mere Mohan: Bhog Aarti)

आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन…दुर्योधन को मेवा त्यागो, साग विदुर घर खायो प्यारे मोहन, आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… भिलनी के बैर सुदामा के तंडुल रूचि रूचि भोग लगाओ प्यारे मोहन… आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… वृदावन की कुञ्ज गली मे, आओं रास रचाओ मेरे मोहन, आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… राधा और मीरा भी … Read more

माता पार्वती – आरती (Mata Parvati)

माता पार्वती - आरती (Mata Parvati)

जय पार्वती माता, जय पार्वती माता ब्रह्मा सनातन देवी, शुभ फल की दाता । ॥ जय पार्वती माता… ॥अरिकुल कंटक नासनि, निज सेवक त्राता, जगजननी जगदम्बा, हरिहर गुण गाता । ॥ जय पार्वती माता… ॥ सिंह को वहान साजे, कुंडल है साथा, देव वधू जस गावत, नृत्य करत ता था । ॥ जय पार्वती माता… … Read more

श्री सिद्धिविनायक आरती: जय देव जय देव (Shri Siddhivinayak Aarti: Jai Dev Jai Dev)

श्री सिद्धिविनायक आरती: जय देव जय देव (Shri Siddhivinayak Aarti: Jai Dev Jai Dev)

श्री सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई का सबसे प्रसिद्ध भगवान श्री गणेश मंदिर है, यहाँ होने वाली पूर्ण आरती मे श्री गणेश की विभिन्न स्तुतियाँ, भगवान शिव एवं देवी दुर्गा की स्तुतियाँ भी जुड़ी हैं।सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची । नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची । सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची । कंठी झलके माल मुकताफळांची । … Read more

पंच परमेष्ठी आरती (Panch Parmeshthi Aarti)

पंच परमेष्ठी आरती (Panch Parmeshthi Aarti)

इह विधि मंगल आरति कीजे, पंच परमपद भज सुख लीजे । इह विधि मंगल आरति कीजे, पंच परमपद भज सुख लीजे ॥पहली आरति श्रीजिनराजा, भव दधि पार उतार जिहाजा । इह विधि मंगल आरति कीजे, पंच परमपद भज सुख लीजे ॥ दूसरी आरति सिद्धन केरी, सुमिरन करत मिटे भव फेरी । इह विधि मंगल आरति … Read more

आरती श्री वृषभानुसुता – राधा आरती (Radha Aarti: Aarti Shri Vrashbhanusuta Ki)

आरती श्री वृषभानुसुता - राधा आरती  (Radha Aarti: Aarti Shri Vrashbhanusuta Ki)

आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेकविराग विकासिनि । पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि, सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥ ॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥ मुनि मन मोहन मोहन मोहनि, मधुर मनोहर मूरति सोहनि । अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि, प्रिय अति सदा सखी ललिता की ॥ ॥ आरती … Read more

श्री सत्यनारायण जी आरती (Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti)

श्री सत्यनारायण जी आरती (Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti)

जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । सत्यनारायण स्वामी, जन पातक हरणा ॥ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । रत्‍‌न जडि़त सिंहासन, अद्भुत छवि राजै । नारद करत निराजन, घण्टा ध्वनि बाजै ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । प्रकट भये कलि कारण, द्विज को दर्श दियो । बूढ़ा … Read more

जानकी माता आरती (Janaki Mata Aarti)

जानकी माता आरती (Janaki Mata Aarti)

आरती कीजै श्रीजनक लली कीदेवी जानकी की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती देवी सीता से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है। ॥ जानकी माता आरती ॥ आरती कीजै श्रीजनक लली की। राममधुपमन कमल कली की॥ आरती कीजै श्रीजनक लली की…॥ रामचन्द्र, मुखचन्द्र चकोरी। अन्तर साँवर बाहर गोरी। सकल सुमन्गल … Read more