इसलिए है प्रयाग का सभी तीर्थों में विशेष महत्व
प्रयाग को ब्रह्मवैवर्त पुराण में तीर्थराज कहा गया है। ऐसा कहना गलत भी नहीं है, क्योंकि पुराणों में तीर्थ की जो परिभाषा दी गई है उसके अनुसार वह दिव्यभूमि जहां सदियों से धार्मिक कार्यों का अनुष्ठान, यज्ञ, जप, तप और सत्संग होता रहता है वह तीर्थस्थान बन जाता है। क्योंकि उस स्थान के कण-कण में … Read more