गोविंद चले चरावन धेनु – भजन (Govind Chale Charaavan Dhenu)
गोविंद चले चरावन धेनु । गृह गृह तें लरिका सब टेरे शृंगी मधुर बजाई बेनु ॥सुरभी संग सोभित द्वै भैया लटकत चलत नचावत नेंन । गोप वधू देखन सब निकसीं कियो संकेत बताई सेंन ॥ ब्रजपति जब तें बन पाउँ धारे न परत ब्रजजन पल री चैन । तजि गृह काज विकली सी डोलत दिन … Read more