जान‍िए क्‍यों दशानन रावण ने भी पकड़ लिए थे अंगद के पैर और सहम गया था पूरा दरबार

जान‍िए क्‍यों दशानन रावण ने भी पकड़ लिए थे अंगद के पैर और सहम गया था पूरा दरबार

हनुमान की जगह क्‍यों भेजे गए अंगद कुमार तस्वीरें : साभार रामायण रामायण एक ऐसा ग्रंथ है जहां मर्यादा, स्‍नेह और संस्‍कारों का हर कदम पर उदाहरण मिलता है। लेकिन कई ऐसे भी प्रसंग हुए हैं जिनका रहस्‍य एक बार में समझ पाना मुश्किल सा लगता है। एक ऐसा ही प्रसंग आता है जब श्रीराम … Read more

इसलिए जानबूझकर देवी सीता सहती रहीं रावण के अत्याचार

इसलिए जानबूझकर देवी सीता सहती रहीं रावण के अत्याचार

तो सीता क्‍यों सहती रहीं अत्‍याचार क्‍या रामायण देखते या पढ़ते समय आपके मन में यह ख्‍याल आया है कभी कि देवी सीता तो स्‍वयं ही जगत जननी का अवतार थीं। रावण का अंत तो वह ही कर सकती थीं। फिर उन्‍होंने ऐसा क्‍यों नहीं किया और क्‍या वजह थी कि जब भी रावण उनसे … Read more

सुख भोगने वाले संत दे रहे थे वैराग्य का उपदेश फिर क्या हुआ जानें

सुख भोगने वाले संत दे रहे थे वैराग्य का उपदेश फिर क्या हुआ जानें

औरंगाबाद में सोलहवीं शताब्दी में अमृतराय नामक एक संत कवि हुए थे। ‘वैराग्य भाग्या सारखे भाग्य नाहीं’ उनके द्वारा रचित एक पद की लोकप्रिय कड़ी है। एक फकीर को उनका यह पद बड़ा प्रिय था। एक दिन उसके मन में शंका उठी कि क्या इसका रचयिता सचमुच वैरागी होगा? शंका का निराकरण करने के लिए … Read more

प्लेग से आधी हो गई थी लंदन की आबादी, 2 महीने घर बैठे कर दिखाया कमाल

प्लेग से आधी हो गई थी लंदन की आबादी, 2 महीने घर बैठे कर दिखाया कमाल

संकलन: हरिप्रसाद रायबात सन 1665 की है। सूत और कपड़े से लदी नाव में कुछ चूहे लंदन आ गए। इन चूहों ने शहर में प्लेग फैला दिया। लोग तेजी से मरने लगे। देखते-देखते चार लाख वाले लंदन की आबादी आधी हो गई। लोग बीमार व्यक्ति को क्वारंटीन करने में लग गए। संक्रमित व्यक्ति को चालीस … Read more

भिक्षु बोला मुझे जान से मारने वाले का उपकार मानूंगा

भिक्षु बोला मुझे जान से मारने वाले का उपकार मानूंगा

बुद्ध के संघ का विस्तार हो रहा था। उनसे प्रशिक्षित होकर बहुत सारे भिक्षु धर्म प्रचार करने निकल पड़े थे। सूना प्रांत ऐसा कठोर स्थान था कि वहां जाने को कोई भिक्षु तैयार ही न हो। एक दिन उनके शिष्य पूर्ण ने निवेदन किया कि वह धर्म प्रचार के लिए सूना प्रांत जाने की अनुमति … Read more

प्रसाद के लिए हनुमानजी ने इसलिए साधक को मारा थप्पड़, ऐसे दिए दर्शन

प्रसाद के लिए हनुमानजी ने इसलिए साधक को मारा थप्पड़, ऐसे दिए दर्शन

संकलन: हिमानी भट्टएक दिन एक साधक मुनि कपींद्र के पास गया और बोला, ‘मुनिवर, मैंने भक्ति तो बहुत कर ली, मगर अभी तक मुझे संकट मोचन महाराज के दर्शन नहीं हुए। आप मुझे कोई ऐसा मंत्र बताइए कि मुझे दर्शन हों।’ मुनि मुस्कुराए और बोले, ‘बेटा, यह बच्चों का खेल नहीं। बड़ा कठिन तप है।’ … Read more

‘मेरे पैर उधर घुमा दो, जिधर खुदा का घर न हो’

'मेरे पैर उधर घुमा दो, जिधर खुदा का घर न हो'

योगाचार्य सुरक्षित गोस्वामी गुरु नानक घूमते-घूमते मक्का-शरीफ पहुंचे। तब रात हो गई चुकी थी। नानकजी पास ही एक पेड़ के नीचे सो गए। जब सुबह उठे, तब उन्होंने अपने चारों ओर अनेक मुल्लाओं को खड़ा पाया। उनमें से एक ने नानकजी से बड़े गुस्से में पूछा, ‘तुम कौन हो/ जो खुदा पाक के घर की … Read more

जान‍िए क्‍या हुआ जब सरदार वल्‍लभ भाई पटेल चंदा इकट्ठा करने रंगून गए?

जान‍िए क्‍या हुआ जब सरदार वल्‍लभ भाई पटेल चंदा इकट्ठा करने रंगून गए?

एक बार सरदार वल्लभ भाई पटेल कांग्रेस के लिए फंड इकट्ठा करने रंगून गए। रंगून में उन्होंने सभी से चंदा मांगा और लोगों की प्रतिक्रिया भी काफी अच्छी रही। कांग्रेस को चंदा हर तबके के लोगों से मिल रहा था, लेकिन सरदार पटेल ने चीनी लोगों की एक विशेषता नोट की। जब भी कोई चीनी … Read more

14 साल तक लक्ष्मण ने नहीं किए ये 3 काम, तभी कर पाएं मेघनाद का वध

14 साल तक लक्ष्मण ने नहीं किए ये 3 काम, तभी कर पाएं मेघनाद का वध

ऋषि अगस्‍त्‍य ने ऐसा क्‍यों कहा भगवान श्रीराम और लक्ष्‍मण के अगाध प्रेम को तो सभी जानते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि एक बार भगवान राम के मन में भी अपने अनुज को लेकर शंका उठी। वह भी तब जब ऋषि अगस्‍त्‍य ने कहा कि रावण के पुत्र इंद्रजीत को स्‍वयं राम भी … Read more

Kumbhkaran Unknown Story : कुंभकर्ण के पूर्वजन्म का रहस्य, जानेंगे तो दंग रह जाएंगे

Kumbhkaran Unknown Story : कुंभकर्ण के पूर्वजन्म का रहस्य, जानेंगे तो दंग रह जाएंगे

कुंभकर्ण के भोजन से देवता भी घबराए रामायण का एक प्रमुख पात्र है कुंभकर्ण। रावण का यह भाई इतना विशाल और भयंकर था कि एक दिन में कई गांवों का भोजन अकेले खा जाता था। भूख शांत ना होने पर यह प्रजा को भी खा जाया करता था। ब्रह्माजी भी कुंभकर्ण की इस शक्ति से … Read more