चाँदी के पात्र का सही मूल्य क्या? – प्रेरक कहानी (Chandi Ke Patra Ka Sahi Mulya Kya)

पाखंडी को परमात्मा नहीं मिलते - प्रेरक कहानी (Pakhandi Ko Bhagwan Nahi Milate)

बहुत समय पहले की बात है। किसी गाँव में एक बूढ़ा व्यक्ति रहता था। उसके दो बेटे थे। बूढ़ा वस्तुओं के उपयोग के मामले में कंजूस था और उन्हें बचा-बचा कर उपयोग किया करता था।उसके पास एक पुराना चांदी का पात्र था। वह उसकी सबसे मूल्यवान वस्तु थी। उसने उसे संभालकर संदूक में बंद कर … Read more

सर्वस्व दान – प्रेरक कहानी (Sarvaswa Daan)

पाखंडी को परमात्मा नहीं मिलते - प्रेरक कहानी (Pakhandi Ko Bhagwan Nahi Milate)

एक पुराना मन्दिर था। दरारें पड़ी थीं। खूब जोर से वर्षा हुई और हवा चली। मन्दिर बहुत-सा भाग लड़खड़ा कर गिर पड़ा। उस दिन एक साधु वर्षा में उस मन्दिर में आकर ठहरे थे। भाग्य से वे जहाँ बैठे थे, उधर का कोना बच गया। साधु को चोट नहीं लगी।साधु ने सबेरे पास के बाजार … Read more

जब भक्त के लिए भगवान ने दी गवाही – साक्षी गोपाल मंदिर सत्य कथा (Sakshi Gopal Mandir Ki Satya Katha)

पाखंडी को परमात्मा नहीं मिलते - प्रेरक कहानी (Pakhandi Ko Bhagwan Nahi Milate)

एक बूढ़ा ब्राह्मण तीर्थ यात्रा करना चाहता था। उनके स्वयं के बच्चे थे पर वो उनकी धर्म-कर्म वाली बातों का पालन नहीं करते थे। उन्होंने सोचा कि बूढ़ा अकेले तीर्थ यात्रा कैसे कर पाऊंगा? एक गरीब ब्राह्मण का लड़का था, उन्होंने उससे कहा कि तुम इधर-उधर नौकरी के लिए भटक रहे हो, अगर तुम मेरे … Read more

बुढ़िया माई को मुक्ति दी – तुलसी माता की कहानी (Budiya Mai Ko Tulsi Mata Dwara Mukti)

श्री तुलसी जी का चमत्कार - प्रेरक कहानी (Shri Tulasi Ji Ka Chamatkar)

कार्तिक महीने में एक बुढ़िया माई तुलसीजी को सींचती और कहती कि: हे तुलसी माता! सत की दाता मैं तेरा बिडला सीचती हूँ, मुझे बहु दे, पीताम्बर की धोती दे, मीठा-मीठा गास दे, बैकुंठा में वास दे, चटक की चाल दे, पटक की मोत दे, चंदन का काठ दे, रानी सा राज दे, दाल भात … Read more

सत्संग की सही शिक्षा – प्रेरक कहानी (Prerak Kahani: Satsang Ki Sahi Shiksha)

पाखंडी को परमात्मा नहीं मिलते - प्रेरक कहानी (Pakhandi Ko Bhagwan Nahi Milate)

एक संत ने अपने दो शिष्यों को दो डिब्बों में मूँग के दाने दिये और कहाः ये मूँग हमारी अमानत हैं। ये सड़े गले नहीं बल्कि बढ़े-चढ़े यह ध्यान रखना। दो वर्ष बाद जब हम वापस आयेंगे तो इन्हें ले लेंगे। संत तो तीर्थयात्रा के लिए चले गये। इधर एक शिष्य ने मूँग के डिब्बे … Read more

मैं तो स्वयं शिव हूँ – प्रेरक कहानी (Main Too Swayan Shiv Hoon)

श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा (Shri Nageshwar Jyotirlinga Utpatti Pauranik Katha)

एक था भिखारी! रेल सफर में भीख माँगने के दौरान एक सूट बूट पहने सेठ जी उसे दिखे। उसने सोचा कि यह व्यक्ति बहुत अमीर लगता है, इससे भीख माँगने पर यह मुझे जरूर अच्छे पैसे देगा। वह उस सेठ से भीख माँगने लगा।भिखारी को देखकर उस सेठ ने कहा, तुम हमेशा मांगते ही हो, … Read more

कर्मो का उचित फल – प्रेरक कहानी (Karmon Ka Sahi Fal)

पाखंडी को परमात्मा नहीं मिलते - प्रेरक कहानी (Pakhandi Ko Bhagwan Nahi Milate)

अपनी ज़िंदगी में बहुत से लोगों को बजुर्गों की सेवा करते और उनका आशीर्वाद लेते और फिर बजुर्गों के दिल से निकली दुआओं को फलते फूलते तो बहुत देखा लेकिन जो लोग बजुर्गों की सेवा तो क्या करनी उनको तंग करते हैं उनका क्या हाल होता है इस को घटित होते हुए भी बहुत करीब … Read more

धैर्य से काम लेने मे ही समझदारी है – प्रेरक कहानी (Dhairya Se Kam Lene Me Hi Samajhadari Hai)

बुद्ध पूर्णिमा 2022 (Buddha Purnima 2022)

बात उस समय की है जब महात्मा बुद्ध विश्व भर में भ्रमण करते हुए बौद्ध धर्म का प्रचार कर रहे थे और लोगों को ज्ञान दे रहे थे।एक बार महात्मा बुद्ध अपने कुछ शिष्यों के साथ एक गाँव में भ्रमण कर रहे थे। उन दिनों कोई वाहन नहीं हुआ करते थे सो लोग पैदल ही … Read more

दो अनमोल हीरे – प्रेरक कहानी (Do Anmol Heere)

पाखंडी को परमात्मा नहीं मिलते - प्रेरक कहानी (Pakhandi Ko Bhagwan Nahi Milate)

दुनियाँ के सबसे अमीर व्यक्ति के पास, दो अनमोल हीरे – एक व्यापारी को बाज़ार में घूमते हुए एक बहुत अच्छी नस्ल का ऊँट दिखाई पड़ा। व्यापारी और ऊँट बेचने वाले के बीच काफी लंबी सौदेबाजी हुई और आखिर में व्यापारी ऊँट खरीद कर घर ले आया।घर पहुँचने पर व्यापारी ने अपने नौकर को ऊँट … Read more

प्रार्थना के बाद भी भगवान नहीं सुन रहे? – प्रेरक कहानी (Prarthana Ke Bad Bhi Bhagwan Nahi Sunrahe)

पाखंडी को परमात्मा नहीं मिलते - प्रेरक कहानी (Pakhandi Ko Bhagwan Nahi Milate)

एक सेठ के घर के बाहर एक साधू महाराज खड़े होकर प्रार्थना कर रहे थे और बदले में खाने को रोटी मांग रहे थे। सेठानी काफी देर से उसको कह रही थी कि आ रही हूँ। रोटी हाथ में थी पर फिर भी कह रही थी कि रुको आ रही हूँ। साधू ईश्वर से प्रार्थना … Read more