राधा चालीसा (Radha Chalisa)
॥ दोहा ॥ श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार । वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिया सुखधाम । चरण शरण निज दीजिये, सुन्दर सुखद ललाम ॥ ॥ चौपाई ॥ जय वृषभान कुँवरी श्री श्यामा । कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥ नित्य विहारिनि श्याम अधारा । अमित मोद मंगल दातारा ॥ रास विलासिनि रस … Read more