गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa)

गायत्री चालीसा (Gayatri Chalisa)

॥ दोहा ॥ हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड । शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ॥ जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम । प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन काम ॥॥ चालीसा ॥ भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी । गायत्री नित कलिमल दहनी ॥१॥ अक्षर चौबिस परम पुनीता । इनमें बसें शास्त्र, … Read more

श्री कृष्ण चालीसा (Shri Krishna Chalisa)

श्री कृष्ण चालीसा (Shri Krishna Chalisa)

॥ दोहा॥ बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम । अरुण अधर जनु बिम्बफल, नयन कमल अभिराम ॥पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पीताम्बर शुभ साज । जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज ॥ ॥ चौपाई ॥ जय यदुनन्दन जय जगवन्दन । जय वसुदेव देवकी नन्दन ॥ जय यशुदा सुत नन्द दुलारे । जय प्रभु भक्तन … Read more

सीता चालीसा (Sita Chalisa)

गाय माता! और दिव्य मिठास वाला गुड़ (Gay Mata Aur Divy Mithas Wala Gud)

॥ दोहा ॥ बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम, राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥ कीरति गाथा जो पढ़ें सुधरैं सगरे काम, मन मन्दिर बासा करें दुःख भंजन सिया राम ॥॥ चौपाई ॥ राम प्रिया रघुपति रघुराई, बैदेही की कीरत गाई ॥ चरण कमल बन्दों सिर नाई, सिय सुरसरि सब पाप … Read more

पार्वती चालीसा (Parvati Chalisa)

पार्वती चालीसा (Parvati Chalisa)

॥ दोहा ॥ जय गिरी तनये दक्षजे शम्भू प्रिये गुणखानि । गणपति जननी पार्वती अम्बे! शक्ति! भवानि ॥॥ चौपाई ॥ ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे । पंच बदन नित तुमको ध्यावे ॥ षड्मुख कहि न सकत यश तेरो । सहसबदन श्रम करत घनेरो ॥ तेऊ पार न पावत माता । स्थित रक्षा लय हिय सजाता … Read more

भगवद गीता चालीसा (Bhagavad Geeta Chalisa)

भगवद गीता चालीसा (Bhagavad Geeta Chalisa)

॥ चौपाई ॥प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ।हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ॥ गीत सुनाऊँ अद्भुत यार।धारण से हो बेड़ा पार॥ अर्जुन कहै सुनो भगवाना।अपने रूप बताये नाना॥ उनका मैं कछु भेद न जाना।किरपा कर फिर कहो सुजाना॥ जो कोई तुमको नित ध्यावे।भक्तिभाव से चित्त लगावे॥ रात दिवस तुमरे गुण गावे।तुमसे दूजा मन नहीं भावे॥ तुमरा नाम जपे दिन … Read more

श्री ब्रह्मा चालीसा (Shri Brahma Chalisa)

श्री ब्रह्मा चालीसा (Shri Brahma Chalisa)

॥ दोहा ॥ जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू,चतुरानन सुखमूल। करहु कृपा निज दास पै,रहहु सदा अनुकूल॥तुम सृजक ब्रह्माण्ड के,अज विधि घाता नाम। विश्वविधाता कीजिये,जन पै कृपा ललाम॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय कमलासान जगमूला।रहहु सदा जनपै अनुकूला॥ रुप चतुर्भुज परम सुहावन।तुम्हें अहैं चतुर्दिक आनन॥ रक्तवर्ण तव सुभग शरीरा।मस्तक जटाजुट गंभीरा॥ ताके ऊपर मुकुट बिराजै।दाढ़ी श्वेत महाछवि … Read more

गोपाल चालीसा (Gopal Chalisa)

गोपाल चालीसा (Gopal Chalisa)

॥ दोहा ॥ श्री राधापद कमल रज,सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सरस,सकल सुमंगल मूल॥॥ चौपाई ॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी।दुष्ट दलन लीला अवतारी॥ जो कोई तुम्हरी लीला गावै।बिन श्रम सकल पदारथ पावै॥ श्री वसुदेव देवकी माता।प्रकट भये संग हलधर भ्राता॥ मथुरा सों प्रभु गोकुल आये।नन्द भवन में बजत बधाये॥ जो विष देन पूतना … Read more

गिरिराज चालीसा (Giriraj Chalisa)

गिरिराज चालीसा (Giriraj Chalisa)

॥ दोहा ॥ बन्दहुँ वीणा वादिनी,धरि गणपति को ध्यान। महाशक्ति राधा सहित,कृष्ण करौ कल्याण॥सुमिरन करि सब देवगण,गुरु पितु बारम्बार। बरनौ श्रीगिरिराज यश,निज मति के अनुसार॥ ॥ चौपाई ॥ जय हो जय बंदित गिरिराजा।ब्रज मण्डल के श्री महाराजा॥ विष्णु रूप तुम हो अवतारी।सुन्दरता पै जग बलिहारी॥ स्वर्ण शिखर अति शोभा पामें।सुर मुनि गण दरशन कूं आमें॥ … Read more

रामदेव चालीसा (Ramdev Chalisa)

रामदेव चालीसा (Ramdev Chalisa)

॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद नमन करि,गिरा गनेश मनाय । कथूं रामदेव विमल यश,सुने पाप विनशाय ॥ द्वार केश से आय कर,लिया मनुज अवतार । अजमल गेह बधावणा,जग में जय जयकार ॥॥ चौपाई ॥ जय जय रामदेव सुर राया।अजमल पुत्र अनोखी माया॥ विष्णु रूप सुर नर के स्वामी।परम प्रतापी अन्तर्यामी॥ ले अवतार अवनि पर … Read more

बटुक भैरव चालीसा (Batuk Bhairav ​​Chalisa)

बटुक भैरव चालीसा (Batuk Bhairav ​​Chalisa)

॥ दोहा ॥ विश्वनाथ को सुमिर मन,धर गणेश का ध्यान। भैरव चालीसा रचूं,कृपा करहु भगवान॥बटुकनाथ भैरव भजू,श्री काली के लाल। छीतरमल पर कर कृपा,काशी के कुतवाल॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय श्रीकाली के लाला।रहो दास पर सदा दयाला॥ भैरव भीषण भीम कपाली।क्रोधवन्त लोचन में लाली॥ कर त्रिशूल है कठिन कराला।गल में प्रभु मुण्डन की माला॥ … Read more