गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र – श्री विष्णु (Gajendra Moksham Stotram)

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - श्री विष्णु (Gajendra Moksham Stotram)

श्री शुक उवाच – एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि । जजाप परमं जाप्यं प्राग्जन्मन्यनुशिक्षितम ॥१॥गजेन्द्र उवाच – ऊं नमो भगवते तस्मै यत एतच्चिदात्मकम । पुरुषायादिबीजाय परेशायाभिधीमहि ॥२॥ यस्मिन्निदं यतश्चेदं येनेदं य इदं स्वयं । योस्मात्परस्माच्च परस्तं प्रपद्ये स्वयम्भुवम ॥३॥ यः स्वात्मनीदं निजमाययार्पितं क्वचिद्विभातं क्व च तत्तिरोहितम । अविद्धदृक साक्ष्युभयं तदीक्षते स आत्म मूलोsवत् मां … Read more

कमल नेत्र स्तोत्रम् (Kamal Netra Stotram)

कमल नेत्र स्तोत्रम् (Kamal Netra Stotram)

श्री कमल नेत्र कटि पीताम्बर, अधर मुरली गिरधरम । मुकुट कुण्डल कर लकुटिया, सांवरे राधेवरम ॥1॥कूल यमुना धेनु आगे, सकल गोपयन के मन हरम । पीत वस्त्र गरुड़ वाहन, चरण सुख नित सागरम ॥2॥ करत केल कलोल निश दिन, कुंज भवन उजागरम । अजर अमर अडोल निश्चल, पुरुषोत्तम अपरा परम ॥3॥ दीनानाथ दयाल गिरिधर, कंस … Read more

दामोदर अष्टकम (Damodarastakam)

दामोदर अष्टकम (Damodarastakam)

पवित्र कार्तिक मास में भक्तों द्वारा सबसे अधिक मनन किया जाने वाला मन्त्र। ISKCON के अनुयायी दामोदर अष्टकम का पाठ लगभग सभी प्रमुख उत्सवों पर भजते हैं। नमामीश्वरं सच्-चिद्-आनन्द-रूपं लसत्-कुण्डलं गोकुले भ्राजमनम् यशोदा-भियोलूखलाद् धावमानं परामृष्टम् अत्यन्ततो द्रुत्य गोप्या ॥ १॥रुदन्तं मुहुर् नेत्र-युग्मं मृजन्तम् कराम्भोज-युग्मेन सातङ्क-नेत्रम् मुहुः श्वास-कम्प-त्रिरेखाङ्क-कण्ठ स्थित-ग्रैवं दामोदरं भक्ति-बद्धम् ॥ २॥ इतीदृक् स्व-लीलाभिर् आनन्द-कुण्डे … Read more

गौरा फिरदी है माला तेरे नाम दी (Gaura Ferdi Hai Mala Tere Naam Di)

गौरा फिरदी है माला तेरे नाम दी (Gaura Ferdi Hai Mala Tere Naam Di)

गौरां फेरदी है माला तेरे नाम दी तेरे नाम दी ओ भोले तेरे नाम दी गौरां फेरदी है माला ।सीस भोले दे गंगा विराजे गंगा विराजे भोले गंगा विराजे ओ ओथे लगदी ए डुबकी तेरे नाम दी गौरां फेरदी है माला । माथे भोले दे चंदा है साजे चंदा है साजे भोले चंदा है साजे … Read more

भगवान हरिहरपुत्र अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् (Bhagwan Hariharaputra Ashtottarshatnam Stotram)

ॐ। महाशास्ता विश्वशास्ता लोकशास्ता तथैव च। धर्मशास्ता वेदशास्ता कालशस्ता गजाधिपः॥1॥गजारूढो गणाध्यक्षो व्याघ्रारूढो महद्युतिः। गोप्तागीर्वाणसंसेव्यो गतातङ्को गणाग्रणीः॥2॥ ऋग्वेदरूपो नक्षत्रं चन्द्ररूपो बलाहकः। दूर्वाश्यामो महारूपः क्रूरदृष्टिरनामयः॥3॥ त्रिनेत्र उत्पलकरः कालहन्ता नराधिपः। खण्डेन्दुमौळितनयः कल्हारकुसुमप्रियः॥4॥ मदनो माधवसुतो मन्दारकुसुमर्चितः। महाबलो महोत्साहो महापापविनाशनः॥5॥ महाशूरो महाधीरो महासर्पविभूषणः। असिहस्तः शरधरो हालाहलधरात्मजः॥6॥ अर्जुनेशोऽग्निनयनश्चानङ्गमदनातुरः। दुष्टग्रहाधिपः श्रीदः शिष्टरक्षणदीक्षितः॥7॥ कस्तूरीतिलको राजशेखरो राजसत्तमः। राजराजार्चितो विष्णुपुत्रो वनजनाधिपः॥8॥ वर्चस्करोवररुचिर्वरदो वायुवाहनः। वज्रकायः खड्गपाणिर्वज्रहस्तो … Read more

संकट मोचन हनुमानाष्टक (Sankatmochan Hanuman Ashtak)

संकट मोचन हनुमानाष्टक (Sankatmochan Hanuman Ashtak)

श्री हनुमंत लाल की पूजा आराधना में संकट मोचन हनुमान अष्टक का नियमित पाठ करने से भक्तों पर आये गंभीर संकट का भी निवारण हो जाता है।॥ हनुमानाष्टक ॥ बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों । ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो । देवन … Read more

भगवान मुरुगन के अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् (Ashtottarshatanam Stotram of Bhagwan Murugan)

स्कंदोगुह षण्मुखश्च भालनेत्रसुतः प्रभुः। पिंगलः कृत्तिकासूनुः शिखिवाहो द्विषड्भुजः॥1॥द्विषण्णेत्रश्शक्तिधरः पिशिताशा प्रभंजनः। तारकासुरसंहारि रक्षोबलविमर्दनः॥2॥ मत्तः प्रमत्तोन्मत्तश्च सुरसैन्य सुरक्षकः। देवसेनापतिः प्राज्ञः कृपालो भक्तवत्सलः॥3॥ उमासुतश्शक्तिधरः कुमारः क्रौंचधारिणः। सेनानीरग्निजन्मा च विशाखश्शंकरात्मजः॥4॥ शिवस्वामि गणस्वामि सर्वस्वामि सनातनः। अनंतमूर्तिरक्षोभ्यः पार्वती प्रियनंदनः॥5॥ गंगासुतश्शरोद्भूत आहूतः पावकात्मजः। जॄंभः प्रजॄंभः उज्जॄंभः कमलासन संस्तुतः॥6॥ एकवर्णो द्विवर्णश्च त्रिवर्णस्सुमनोहरः। चतुर्वर्णः पंचवर्णः प्रजापतिरहह्पतिः॥7॥ अग्निगर्भश्शमीगर्भो विश्वरेतास्सुरारिहा। हरिद्वर्णश्शुभकरो वटुश्च पटुवेषभृत्॥8॥ पूषागभस्तिर्गहनो चंद्रवर्ण कलाधरः। … Read more

अन्नपूर्णा स्तोत्रम् (Annapoorna Stotram)

अन्नपूर्णा स्तोत्रम् (Annapoorna Stotram)

नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरी निर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी । प्रालेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरी भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥१॥नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरी मुक्ताहारविलम्बमानविलसद्वक्षोजकुम्भान्तरी । काश्मीरागरुवासिताङ्गरुचिरे काशीपुराधीश्वरी भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥२॥ योगानन्दकरी रिपुक्षयकरी धर्मार्थनिष्ठाकरी चन्द्रार्कानलभासमानलहरी त्रैलोक्यरक्षाकरी । सर्वैश्वर्यसमस्तवाञ्छितकरी काशीपुराधीश्वरी भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥३॥ कैलासाचलकन्दरालयकरी गौरी उमा शङ्करी कौमारी निगमार्थगोचरकरी ओङ्कारबीजाक्षरी । मोक्षद्वारकपाटपाटनकरी काशीपुराधीश्वरी भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥४॥ दृश्यादृश्यविभूतिवाहनकरी ब्रह्माण्डभाण्डोदरी लीलानाटकसूत्रभेदनकरी विज्ञानदीपाङ्कुरी … Read more

श्री लक्ष्मी के 108 नाम – श्रीलक्ष्मीष्टोत्तरशतनामावलिः (108 Mata Lakshmi Names)

श्री लक्ष्मी के 108 नाम - श्रीलक्ष्मीष्टोत्तरशतनामावलिः (108 Mata Lakshmi Names)

ॐ प्रकृत्यै नमः ॥ ॐ विकृत्यै नमः ॥ ॐ विद्यायै नमः ॥ ॐ सर्वभूतहितप्रदायै नमः ॥ ॐ श्रद्धायै नमः ॥ ॐ विभूत्यै नमः ॥ ॐ सुरभ्यै नमः ॥ ॐ परमात्मिकायै नमः ॥ ॐ वाचे नमः ॥ ॐ पद्मालयायै नमः ॥ 10 ॥ॐ पद्मायै नमः ॥ ॐ शुचये नमः ॥ ॐ स्वाहायै नमः ॥ ॐ स्वधायै … Read more