कुंभ मेला 2025 तथ्य (Kumbh Mela 2025 Facts)

कुंभ मेला 2025 तथ्य (Kumbh Mela 2025 Facts)

महाकुंभ में रामभद्राचार्य: एक माह तक चलेगा हवन-पूजन का विशेष अनुष्ठान महाकुंभ 2025 की तैयारियां तेजी से चल रही हैं, संगम की पवित्र रेती पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य के शिविर में एक प्रमुख अनुष्ठान होने वाला है। इस बार, अनुष्ठान विशिष्ट रूप से केंद्रित होंगे, क्योंकि विशेष समारोहों के लिए 251 हवन कुंड (पवित्र अग्निकुंड) स्थापित … Read more

श्री कृष्ण की कृपा के साथ 2025 का स्वागत कीजिए एवं नए आरंभ के लिए यूं तैयार हो जाइए

श्री कृष्ण की कृपा के साथ 2025 का स्वागत कीजिए एवं नए आरंभ के लिए यूं तैयार हो जाइए

हम एक नए वर्ष की दहलीज पर खड़े हैं, और 2025 अपने भीतर नई शुरुआत का वादा लेकर आया है। हर साल की तरह, यह समय हमें आत्ममंथन, नवीनीकरण और जीवन में नए लक्ष्य निर्धारित करने का अवसर देता है। लेकिन यह संकल्प वास्तविक रूप से परिवर्तनकारी कैसे बन सकते हैं? ‘श्री कृष्ण चरित मानस … Read more

यह प्रसन्नता भी दुखों का कारण है

यह प्रसन्नता भी दुखों का कारण है

गीता सार:1. क्यों व्यर्थ चिन्ता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सकता है? आत्मा न पैदा होती है, न मरती है। 2. जो हुआ, वह अच्छा हुआ। जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है। जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा। तुम भूत का पश्चाताप न करो। भविष्य की चिन्ता … Read more

ज्यादा ईमानदारी भी ठीक नहीं

ज्यादा ईमानदारी भी ठीक नहीं

आज से करीब 2300 साल पहले पहले पैदा हुए चाणक्य भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के पहले विचारक माने जाते हैं। पाटलिपुत्र (पटना) के शक्तिशाली नंद वंश को उखाड़ फेंकने और अपने शिष्य चंदगुप्त मौर्य को बतौर राजा स्थापित करने में चाणक्य का अहम योगदान रहा। ज्ञान के केंद्र तक्षशिला विश्वविद्यालय में आचार्य रहे चाणक्य राजनीति … Read more

न कोई तुम्हारा मित्र है, न शत्रु

न कोई तुम्हारा मित्र है, न शत्रु

चाणक्य नीति: 1. कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयम से तीन प्रश्न कीजिए– मैं ये क्यों कर रहा हूं, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल हो पाऊंगा. और जब गहरई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जाएं, तभी आगे बढें। 2. संसार एक कड़वा वृक्ष है, इसके … Read more

झूठे लोग जल्दी पहचान में आते हैं

झूठे लोग जल्दी पहचान में आते हैं

कबीर वाणी चाल बकुल की चलत है, बहुरि कहावै हंसते मुक्ता कैसे चुगे, पड़े काल के फंस।।जो बगुले के आचरण में चलकर, पुनः हंस कहलाते हैं, वे ज्ञान मोती कैसे चुगेंगे? वे तो कल्पना काल में पड़े हैं। बाना पहिरे सिंह का, चलै भेड़ की चाल।बोली बोले सियार की, कुत्ता खावै फाल।।सिंह का वेश पहनकर, … Read more

वक्त बड़ा बलवान है

वक्त बड़ा बलवान है

माटी कहे कुम्हार से तू क्या रौंदे मोएइक दिन ऐसा आयेगा मैं रौंदूंगी तोए।। ये बहुत पुरानी पंक्तियां संत कबीर दास ने कही थीं। और उन्होंने कितनी सही बात कही थी, यह सभी समझ गए होंगे। मगर जीवन में इस विचार को अपनाते बहुत कम लोग हैं। आज जिसे देखो अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल … Read more

बच्चों का पालन-पोषण अच्छी तरह करें

बच्चों का पालन-पोषण अच्छी तरह करें

चाणक्य नीति के दूसरे अध्याय के अंश: 1. जिस प्रकार सभी पर्वतों पर मणि नहीं मिलती, सभी हाथियों के मस्तक में मोती उत्पन्न नहीं होता और सभी वनों में चंदन का वृक्ष नहीं होता, उसी प्रकार सज्जन पुरुष सभी जगहों पर नहीं मिलते हैं। 2. भोजन के लिए अच्छे पदार्थों का उपलब्ध होना, उन्हें पचाने … Read more

मृत्यु के सिवा कोई भय नहीं

मृत्यु के सिवा कोई भय नहीं

जैसे पके हुए फलों को गिरने के अलावा दूसरा कोई भय नहीं है, उसी प्रकार मनुष्य को मृत्यु के सिवा कोई भय नहीं है।वाल्मीकि *भय से ही दुख आते हैं, भय से ही मृत्यु होती है और बुराइयां भी भय से ही उत्पन्न होती हैं।स्वामी विवेकानंद *भोगों में रोग का भय है। ऊंचे कुल में … Read more

पाप में पड़ना मानव स्वभाव है

पाप में पड़ना मानव स्वभाव है

पाप में पड़ना मानव स्वभाव है, उसमें डूबे रहना शैतान स्वभाव है। उस पर दुखित होना संत स्वभाव है और सब पापों से मुक्त होना ईश्वर स्वभाव है।भगवतीचरण वर्मा जो कर्म छोड़ता है, वह गिरता है। कर्म करते हुए भी जो उसका फल छोड़ता है, वह गिरता है।महात्मा गांधी हम इतना बुराई से नहीं डरते … Read more