आजकल प्रत्येक व्यक्ति भाग्यवान बनने के लिए ‘फेंगशुई’ का प्रयोग कर रहा है। अक्सर लोग फेंगशुई के बारे में प्रश्न करते हैं कि फेंगशुई क्या है तथा क्या फेंगशुई के द्वारा भाग्य को समृद्ध किया जा सकता है। चीन देश से आई फेंगशुई पृथ्वी पर सामंजस्यपूर्ण ढंग से रहने की एक कला है। फेंगशुई के आधार पर किया गया परिवर्तन भाग्य को समृद्धशाली बनाता है। वास्तु एवं फेंगशुई विशेषज्ञ मानते हैं कि मनुष्य का भाग्य तीन प्रकार का होता है, पहला स्वर्ग से प्राप्त भाग्य, दूसरा पृथ्वी से प्राप्त भाग्य तथा तीसरा मनुष्य द्वारा अर्जित भाग्य। पहले प्रकार का स्वर्ग से प्राप्त भाग्य व्यक्ति अपने पूर्वजन्म के कर्मों के आधार पर लेकर जन्म लेता है। दूसरे प्रकार का भाग्य वह होता है जिसे मनुष्य अपनी कड़ी मेहनत एवं लगन के बल पर अर्जित एवं संशोधित करता है। तीसरे प्रकार का भाग्य वह होता है, जिसे व्यक्ति उन स्थानों से अर्जित करता है, जहां पर वह रहता है अथवा कार्य करता है। तीसरे प्रकार के भाग्य को परिवर्तित एवं संशोधित करना बेहद आसान होता है और इसे कुछ उपायों एवं सकारात्मक उर्जा के प्रवाह से अपने पक्ष में किया जा सकता है। फेंगशुई इसी अवस्था में सहायक सिद्ध होती है, इसलिए वास्तु के साथ-साथ फेंगशुई का भी प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है।
मुख्य द्वार का अवरोध दूर करें
मकान का मुख्य द्वार सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि घर के अंदर ऊर्जा का प्रवेश मुख्य दरवाजे से ही होता है। मुख्य द्वार के सामने अवरोध होने से घर के निवासियों को स्वास्थ्य एवं धन की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मुख्य द्वार के सामने दीवार होने से घर के निवासियों का जीवन संघर्षमय हो जाता है। मुख्य द्वार के सामने खंभा होने से अनेक समस्याएं उत्पन्न होती हैं। मुख्य द्वार के सामने पेड़, टेलीफोन का खंबा, ऊंची इमारत, किसी अन्य घर के तीखे कोण, मोबाइल या केबल टीवी का एंटीना आदि होने से भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इन दोषों को दूर करने के लिए मुख्य द्वार के ऊपर पाकुआ दर्पण लगाना चाहिए। पाकुआ दर्पण एक शक्तिशाली दर्पण होता है जो कि नकारात्मक ऊर्जा को घर में घुसने से रोकता है तथा वापस भेजता है। कभी-कभी नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह काफी तेज होता है, जिससे कि दर्पण टूट सकता है, यदि ऐसा हो तो तुरंत उसे बदल दें। पाकुआ दर्पण कभी भी घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए, हमेशा बाहर की तरफ लगाना चाहिए। पाकुआ के स्थान बागुआ को घर के अंदर लगाया जा सकता है। यदि मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही सामने हमें किचन का दरवाजा नजर आए तो, इस वास्तुदोष को दूर करने के लिए गणपति बागुआ किचन के दरवाजे के ऊपर लगाते हैं। गणपति बागुआ के मध्य भाग में गणेशजी बने होते हैं। घर के मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही अगर टॉयलेट या बाथरूम दिखाई दे तो ये एक महत्वपूर्ण दोष माना जाता है। इस दोष को दूर करने के लिए मध्य भाग में दर्पण की जगह यिन और यांग बना होता है। इसे घर के अंदर शयन कक्ष, बाथरूम और शौचघर में लगाते हैं।