गणेशजी की आरती सुबह शाम करनी चाहिए। लेकन चतुर्थी तिथि और गणेश चतुर्थी पर गणपति की पूजा के बाद गणेशजी की आरती परिवार के साथ करना उत्तम माना गया है। जो व्यक्ति भगवा गणेशजी पूजा के बाद मन से गायन भक्ति करते हुए आरती करता है गणेशजी पर सदा सहाय रहते है। तो आइए मिलकर करें गणेशजी की आरती जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा…..
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी। माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी॥
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अन्धे को आंख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
सूर, श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
बोलिए सब मिलकर गणेश भगवान की जय, मंगल मूर्ति मोरया की जय, शिव परिवार की जय। विघ्नहर्ता की जय।