History of Bageshwar Dham Sarkar : आप जानते हैं बागेश्‍वर धाम का रहस्‍य, यहां क्‍यों चढ़ाए जाते हैं तीन रंग के नारियल

बागेश्‍वर धाम सरकार मंदिर, जी हां भगवान बालाजी की यह मंदिर और यहां के आचार्य धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री इस पूरे देश में इस वक्‍त चर्चा का विषय बने हैं। ऐसा दावा किया जाता है यहां आकर श्रद्धालु अपनी अर्जी लगाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होने के साथ ही उन्‍हें हर कष्‍ट से मुक्ति मिलती है। यहां आचार्य धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री भगवान बालाजी का दरबार लगाते हैं और अनजान लोगों को उनके नाम से बुलाते हैं। फिर पर्ची में लोगों की समस्‍या भी लिख देते हैं। आजकल ये बातें लोगों की जुबान पर चढ़ी है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि कहां है यह बागेश्‍वर धाम सरकार मंदिर और क्‍या है यहां का इतिहास।

बागेश्‍वर धाम मंदिर का इतिहास

बागेश्‍वर धाम मंदिर एक पुराना चमत्‍कारिक मंदिर है। यह मंदिर छतरपुर के पास बागेश्‍वर धाम में स्थित है और यह बालाजी का मंदिर है। यहां पर हनुमानजी के सामने ही महादेवजी का मंदिर है। बागेश्वर धाम मंदिर भगवान बालाजी का फेमस मंदिर है। ये छतरपुर जिले के खजुराहो पन्ना रोड पर मौजूद गंज नाम के छोटे से कस्बे से 35 किमी की दूरी पर स्थित है। 20 30 साल पहले करीब 1986 में इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था। उसके बाद यह मंदिर काफी प्रसिद्ध होता चला गया। वर्ष 1987 में वहां संत सेतु लालजी महाराज का आगमन हुआ। ये आचार्य धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री के दादाजी थे। उसके बाद वर्ष 2012 में श्रद्धालुओं की समस्‍या का निराकरण करने के लिए दरबार का शुभारंभ हुआ। उसके बाद वर्ष 2016 में बागेश्‍वर धाम में भूमि पूजन हुआ और फिर भगवान बालाजी का यह धाम समस्‍याओं के निराकरण के लिए प्रसिद्ध हो गया।


ऐसे लगाई जाती है यहां अर्जी

बालाजी के इस धाम में मंगलवार को भक्‍तों की भीड़ उमड़ती है और लोग बालाजी के दरबार में अपनी अर्जी लगाते हैं। बागेश्‍वर धाम में पर्ची लगाने की प्रक्रिया बेहद सरल है। यहां आपको एक पर्ची पर अपनी समस्‍या लिखकर उसे लाल कपड़े में नारियल के साथ बांधकर यहां परिसर में रखना होता है। यहां पर आपको लाल, पीले और काले कपड़े में बंधे हुए नारियल मिल जाएंगे। इसके पीछे की वजह यह है कि अगर आपकी अर्जी सामान्य है तो और लाल कपड़े में नारियल बांधें, अगर शादी-विवाह से जुड़ी अर्जी है तो नारियल को पीले कपड़े में बांधें और अगर अर्जी प्रेत बाधा से जुड़ी है तो नारियल को काले कपड़े में बांधें। इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि अगर आप यहां आकर ऐसा नहीं कर सकते तो अपने घर पर ही पूजास्‍थल में नारियल के साथ अपनी अर्जी लगा सकते हैं। ऐसा विश्‍वास है कि घर पर लगी अर्जी भी बालाजी सुन लेते हैं।

ऐसे पता लगता है कि अर्जी स्‍वीकार हुई या नहीं

आचार्य धीरेंद्र शास्‍त्री बताते हैं कि अगर आपने अर्जी सच्‍ची श्रद्धा से लगाई है और आपकी अर्जी स्‍वीकार हुई है तो आपको सपने में लगातार 2 दिन तक बंदर दिखाई देंगे। केवल एक दिन बंदर दिखाई दें तो यह माना जाता है कि आपकी अर्जी पहुंच चुकी है। अर्जी के स्‍वीकार होने पर घर के किसी सदस्‍य को सपने में 2 दिन तक बंदर दिखाई देंगे। अगर आपकी अर्जी स्‍वीकार न हुई हो यानी कि आपको सपने में बंदर न दिखें तो फिर से मंगलवार को ये उपाय करने होंगे। इन उपायों को 2 3 मंगलवार तक दोहराने से आपकी अर्जी अवश्‍य स्‍वीकार होगी।

कैसे पहुंचें बागेश्‍वर धाम

अगर आप बागेश्वर धाम सरकार मंदिर जा रहे हैं, तो सड़क मार्ग की मदद से या ट्रेन या हवाई मार्ग से यहां तक पहुंच सकते हैं। भोपाल से बागेश्वर धाम की दूरी करीबन 365 किमी है। ट्रेन से जाने की इच्छा रखने वालों के लिए बागेश्वर धाम छतरपुर रेलवे स्टेशन या फिर खजुराहो रेलवे स्टेशन से भी पहुंचा जा सकता है। इस रेलवे स्‍टेशन से धाम तक के लिए आपको टैक्सी या बस भी आसानी से मिल जाएगी। वहीं अगर आपको सड़क मार्ग से इस मंदिर में जाना है तो उसके लिए भी पहले खजुराहो आना पड़ेगा और फिर पन्‍ना रोड पर पन्ना गंज नाम के छोटे से कस्बे से 35 किमी दूर आकर आप यहां पहुंच जाएंगे।